इस टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक हैं। संविधान के अनुच्छेद 79 के मुताबिक राष्ट्रपति संसद का भी अनिवार्य हिस्सा हैं। लोकसभा सचिवालय ने उनसे उद्घाटन न करवाने का जो फैसला लिया है, वह गलत है।
New Parliament Inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर देश में सियासी पारा बढ़ा हुआ है। राष्ट्रपति से नए संसद भवन के उद्घाटन करवाने की मांग सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंची। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने नई संसद के उद्घाटन के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में दखल नहीं देंगे। यह अदालत का विषय नहीं है।
इस टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने याचिका को खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में जस्टिस जेके महेश्वरी की बेंच ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा कि राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक हैं। संविधान के अनुच्छेद 79 के मुताबिक राष्ट्रपति संसद का भी अनिवार्य हिस्सा हैं। लोकसभा सचिवालय ने उनसे उद्घाटन न करवाने का जो फैसला लिया है, वह गलत है।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को करेंगे। इस पर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के द्वारा विरोध किया जा रहा है। उनका कहना है कि, नए संसद भवन का उद्घाटना राष्ट्रपति से करवाना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए। इसी मांग को लेकर कई विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया है।