कानपुर देहात (Kanpur Dehat) जिले में 6 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) व 7 फरवरी से 12 फरवरी तक कानपुर देहात महोत्सव (Kanpur Dehat Mahotsav) के आयोजन पर अकबरपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले (Devendra Singh Bhole) ने जिला प्रशासन को 18 सवालों से संबंधित एक पत्र जारी किया है।
लखनऊ। कानपुर देहात (Kanpur Dehat) जिले में 6 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) व 7 फरवरी से 12 फरवरी तक कानपुर देहात महोत्सव (Kanpur Dehat Mahotsav) के आयोजन पर अकबरपुर लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले (Devendra Singh Bhole) ने जिला प्रशासन को 18 सवालों से संबंधित एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में आयोजन में खर्च हुई लागत का ब्योरा जिला प्रशासन ने मांगा गया है। सांसद की इस चिट्ठी के बाद अब इस आयोजन को लेकर कई तरह से सवाल उठने लगे हैं।
बता दें कि कानपुर देहात महोत्सव (Kanpur Dehat Mahotsav) और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit) के इस आयोजन में जनपद के तमाम प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की थी। इसके जरिए सरकार की योजनाओं और प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को भी जनता और निवेशकों से साझा किया गया था, लेकिन बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले (Devendra Singh Bhole) ने जिस तरह से जिला प्रशासन से आयोजन के खर्च का ब्योरा मांगा है उससे नौकरशाही में हलचल मच गई है। सत्तारूढ़ दल के सांसद द्वारा शिकायती खत लिखे जाने के बाद माना जा रहा है कि इस मामले में कानपुर देहात की जिलाधिकारी के खिलाफ शासन कोई बड़ा कदम उठा सकता है।
कानपुर देहात डीएम नेहा जैन के खिलाफ अब बीजेपी सांसद ने लगाए गंभीर आरोप,दागा 18 सवाल, मुश्किलें बढ़ना तय! pic.twitter.com/mVRBggt3WQ
— santosh singh (@SantoshGaharwar) March 16, 2023
जानें- क्या है पूरा मामला?
बता दें कि कानपुर देहात में शासन के निर्देशानुसार 6 फरवरी 2023 को इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया गया था। इसके बाद 7 फरवरी 2023 से 12 फरवरी 2023 तक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन जिला प्रशासन ने किया था। जिसको लेकर अनुमति, खर्च और जनप्रतिनिधियों से परामर्श के साथ-साथ इन्वेस्टर समिट के दौरान शासन से भेजी गई राशि को किन किन मुद्दों पर खर्च किया गया है? उसका भी ब्योरा जिला प्रशासन से सांसद ने मांगा है। सांसद की ओर से पत्र से साफ जाहिर हो रहा है की देवेंद्र सिंह भोले सरकार के निर्देश से आयोजित आयोजनों से खुश नहीं है या फिर उन्हे जिला प्रशासन की महोत्सव के आयोजन प्रक्रिया पर संदेह है।
इस मामले में कानपुर देहात की डीएम नेहा जैन (Kanpur Dehat DM Neha Jain) ने कहा कि कानपुर महोत्सव का सफलता पूर्वक आयोजन किया गया था। इससे आम जनमानस भी लाभान्वित हुए और सांक्रतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ तमाम सरकारी योजनाओं को भी जनता के बीच पहुंचाया गया। सबसे बड़ी बात ये है की इस महोत्सव में प्रदेश के कई बड़े मंत्रियों ने भी शिरकत की थी। हालांकि देवेंद्र सिंह भोले जी व्यस्तता के चलते यहां नहीं पहुंचे थे। जो वो जिला प्रशासन से जानना चाहते थे उसी संबंध में जिला प्रशासन को उनकी तरफ से पत्र भेज गया था। पत्र में पूछी गई जानकारी का परीक्षण कर संसद जी को जानकारी समय पर उपलब्ध करा दी जाएगी।
अग्निकांड को लेकर विवादों में घिरी थीं नेहा जैन
कानपुर देहात की डीएम नेहा जैन (Neha Jain) का विवादों से पुराना नाता रहा है। लेकिन फरवरी में कानपुर देहात जिले में एक अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई में एक महिला और उसकी बेटी की मौत होने के बाद वह सबसे अधिक चर्चा में आईं थीं। जिलाधिकारी नेहा जैन पर इस मामले को लेकर कई गंभीर आरोप लगे थे। आरोप है कि पीड़ित परिवार के मुखिया कृष्ण गोपाल दीक्षित जब अपनी फरियाद लेकर डीएम दफ्तर पहुंचते थे तो उनके साथ बेहद अपमानजनक बर्ताव किया गया। उनके ही आदेश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई, जिसमें कृष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला और उनकी 23 साल की बेटी नेहा आग में जिंदा जलकर मर गईं। सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी वायरल हुआ था, जिसमें कलेक्टर जैन नृत्य करती हुई नजर आ रही थीं, ये वीडियो उसी दिन का था, जिस दिन कानपुर देहात जिले में ये दुखद घटना हुई थी। हालांकि, सवालो के घेरे में आने के बावजूद शासन ने अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और न ही उनका ट्रांसफर किया गया।
नेहा जैन को लेकर पहले भी हो चुके हैं विवाद
अकबरपुर सांसद देवेंद्र सिंह भोले (Devendra Singh Bhole) पहले भी कानपुर देहात की डीएम नेहा जैन (Neha Jain) को निशाने पर ले चुके हैं। 12 दिसंबर को पुलिस कस्टडी में मौत का शिकार हुए व्यापारी बलवंत के मामले को लेकर उन्होंने कलेक्टर से कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि व्यवस्था पर उनका नियंत्रण नहीं है। वहीं, कानपुर देहात महोत्सव में पीएम और सीएम की तस्वीर होर्डिंग से नदारद रहने पर भी काफी बवाल हुआ था। राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने इसके लिए डीएम नेहा जैन (Neha Jain) को जिम्मेदार ठहराया था।