Rahul Gandhi excommunicated from Hindu religion: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने का एलान किया है। उन्होंने यह फैसला राहुल गांधी की ओर से मनुस्मृति को लेकर बयान पर लिया है। शंकराचार्य ने कहा कि आज से राहुल गांधी को हिंदू धर्म का न माना जाए। साथ ही राहुल के हिंदू मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने और सभी हिंदू सनातनी धार्मिक कार्यों से करने को कहा है।
Rahul Gandhi excommunicated from Hindu religion: ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने का एलान किया है। उन्होंने यह फैसला राहुल गांधी की ओर से मनुस्मृति को लेकर बयान पर लिया है। शंकराचार्य ने कहा कि आज से राहुल गांधी को हिंदू धर्म का न माना जाए। साथ ही राहुल के हिंदू मंदिरों में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने और सभी हिंदू सनातनी धार्मिक कार्यों से करने को कहा है।
दरअसल, करीब तीन महीने पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने हाथरस की रेप पीड़िता के संदर्भ में मनुस्मृति को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने संसद में कहा था, ‘कुछ दिन पहले मैं हाथरस गया था. चार साल पहले वहां एक लड़की का गैंगरेप होता है। मैं उस लड़की के घर गया और परिवार से मिला. जिन्होंने गैंगरेप किया वो बाहर घूम रहे हैं और लड़की का परिवार अपने घर में बंद है. लड़की का परिवार बाहर नहीं जा सकता और जो अपराधी हैं वो उनको रोज धमकाते हैं और बाहर घूम रहे हैं।”
राहुल ने आगे कहा था- “परिवार ने मुझे बताया कि लड़की का अंतिम संस्कार भी नहीं करने दिया और चीफ मिनिस्टर ने इसके बारे में खुलकर मीडिया में झूठ बोला है। ये संविधान में कहां लिखा है कि जो बलात्कार करते हैं वो बाहर रहें और जिसका रेप हुआ है, उसके परिवार को बंद कर दिया जाए। ये आपकी किताब में लिखा हुआ है, मनुस्मृति में लिखा हुआ है, लेकिन संविधान में नहीं लिखा है।’ इस टिप्पणी के बाद शंकराचार्य की अध्यक्षता में हुई महाकुंभ की धर्म संसद में शर्त रखी गई है कि राहुल गांधी माफी मांगें नहीं तो उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत कर दिया जाएगा।
मनुस्मृति को लेकर दिये बयान पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राहुल से स्पष्टीकरण मांगा था और उन्हें पत्र भी भेजा गया था, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी राहुल गांधी की ओर से कोई जवाब नहीं आया। इस पर शंकराचार्य ने कहा कि उन्हें (राहुल गांधी को) रिमाइंडर भी भेजा गया था। अब तीन महीने बीत गए हैं। बहुत से लोग यह भी कह रहे हैं कि उन्हें हिंदू धर्म से क्या बहिष्कृत करेंगे, वह तो हिंदू हैं ही नहीं। तीन महीने की अवधि में उन्होंने अपनी ओर से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने के लिए कुछ भी नहीं किया। तब हम लोगों ने यह निष्कर्ष निकाला कि राहुल गांधी मनुस्मृति में अश्रद्धा रखते हैं।
शंकराचार्य ने कहा कि वह (राहुल) मनुस्मृति के बारे में संसद में खड़े होकर गलतबयानी कर रहे हैं। जबकि मनुस्मृति में बलात्कारी को संरक्षित करने की बात नहीं लिखी है। यह बात आप मनु स्मृति को बदमान करने के लिए कह रहे हैं। हर हिंदू चाहे वाहे सहमत हो या नहीं हो वो मनुस्मृति को अपना धर्मग्रंथ तो मानता ही है। आप मनु स्मृति को अपना ग्रंथ नहीं कह रह रहे हो इसका मतलब आप हिंदू नहीं हो। तय हो गया है कि राहुल गांधी हिंदू धर्म के विरुद्ध काम कर रहे हैं।
शंकराचार्य ने कहा कि जनता के सामने यह स्पष्ट किया जाता है कि संभवत: वह (राहुल गांधी) हिंदू नहीं हैं। इसलिए आज से उन्हें हिंदू न माना जाए। हिंदू पुरोहित पंडित हिंदू विधि से उनकी पूजा न कराएं। हिंदू मंदिरों में उनके प्रवेश को प्रतिबंधित किया जाए। सभी हिंदू सनातनी धार्मिक कार्यों से उनको वंचित किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों में, यहां तक कि कानून में भी जो अपराधी होता है उसको किसी क्षेत्र विशेष से बाहर करने का नियम है। अपने उसी अधिकार का प्रयोग करते हुए धर्म रक्षा की दृष्टि से राहुल गांधी को हिंदू धर्म से बहिष्कृत किया जाता है।