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ओबैसी, बोले- RSS और मुसलमान समंदर के दो किनारे जो कभी नहीं मिल सकते, संघ प्रमुख का बयान “बेतुका”

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिम (AIMIM) के नेता और हैदराबाद सीट से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi, MP from Hyderabad seat) अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। भारत-पाक तनाव के बीच उनके बयानों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। पूरे भारत में उन्होंने एक तरह से अपनी नई छवि पेश की।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिम (AIMIM) के नेता और हैदराबाद सीट से सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi, MP from Hyderabad seat) अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। भारत-पाक तनाव के बीच उनके बयानों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। पूरे भारत में उन्होंने एक तरह से अपनी नई छवि पेश की। हालांकि, अब उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के बयानों को लेकर प्रतिक्रिया दी है जिसकी चर्चा जोरों पर है। उन्होंने संघ प्रमुख के मुसलमानों के प्रति दिए बयान को “बेतुका” बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि आरएसएस ( RSS) और मुसलमान समंदर के दो किनारे हैं जो कभी नहीं मिल सकते।

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भागवत ,बोले- हिंदुओं और मुसलमानों का ‘डीएनए’ एक

ओवैसी से भागवत की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगी गई थी कि हिंदुओं और मुसलमानों का ‘डीएनए’ एक है और हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग नहीं ढूंढना चाहिए। भागवत ने यह बयान देश की स्वतंत्रता से पहले की, मुगल-काल की या उससे भी पहले की मस्जिदों को लेकर उपजे विवादों को लेकर दिया था। कुछ हिंदुओं का मानना ​​है कि ये मस्जिदें, मंदिरों को नष्ट करके बनाई गई थीं।

हैदराबाद से पांच बार के सांसद और संसद में अपनी पार्टी के एकमात्र प्रतिनिधि ओवैसी ने कहा, ‘क्या ये सभी लोग जो अदालतों में जा रहे हैं और वाद दायर कर रहे हैं, मोहन भागवत (Mohan Bhagwat)  के समर्थक नहीं हैं?

‘भारत की विविधता को नष्ट करना चाहता है आरएसएस’

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ओवैसी ने यह भी कहा कि आरएसएस ( RSS) भारत की विविधता को नष्ट करना चाहता है। उन्होंने शनिवार को ‘पीटीआई वीडियो’ को दिए साक्षात्कार में कहा,कि आप भले ही नजदीकी बताने वाली बातें कर रहे हों, लेकिन ये आपके ही लोग हैं जो यह (मुस्लिम विरोधी) तमाशा कर रहे हैं। अगर आपको लगता है कि वे गलत हैं, तो आप उन्हें क्यों नहीं रोक रहे।

उनके ही आदेश पर हो रहा सब कुछ : ओवैसी

ओवैसी से जब पूछा गया कि शायद भागवत इन्हीं लोगों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, ‘खीर का स्वाद खाने पर ही पता चलता है। उन्हें रोकिए। इसका मतलब है कि वे आपकी बात नहीं सुन रहे हैं। क्या आप उन्हें रोकने में असमर्थ हैं? नहीं, ऐसा भी नहीं है। यह आपके नियंत्रण में है। यह आपके आदेश पर हो रहा है। यह आपकी सहमति से हो रहा है।’

भागवत के बयान पर संघ की सफाई

उन्होंने कहा कि भागवत की टिप्पणी के तुरंत बाद आरएसएस ( RSS) के एक अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी ने बयान जारी कर कहा कि भागवत ने जो कहा कि उसका मतलब वह नहीं था। ओवैसी ने कहा,कि यह आरएसएस ( RSS) का भ्रम का सिद्धांत है। भागवत के बयान पाखंडपूर्ण हैं। यह सिर्फ बेतुकी बातें हैं, फिजूल की बातें हैं, जिनका उद्देश्य अमेरिका या खाड़ी क्षेत्र के मुस्लिम देशों को संदेश देना है।

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