क्या आप भी जानते हैं कि रेबीज का खतरा सिर्फ कुत्तों के काटने से ही होता है? अगर हां तो ये बिलकुल गलत है। रेबीज एक घातक वायरल बीमारी है जो दिमाग और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। अक्सर लोगों को लगता है की ये केवल कुत्तों के काटने से होता है जबकि हकीकत यह है कि यह कुत्तों के अलावा और भी कई जानवरों से फैल सकता है। रेबीज संक्रमित जानवर की लार के जरिए या आमतौर पर काटने या खरोंचने से फैल सकता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि और किन जानवरों से रेबीज फैल सकता है। आज वर्ल्ड रेबीज डे है। इस अवसर पर हम जानेंगे और किन जानवरों के काटने या नोंचने से रेबीज होने का रिस्क रहता है।
क्या आप भी जानते हैं कि रेबीज का खतरा सिर्फ कुत्तों के काटने से ही होता है? अगर हां तो ये बिलकुल गलत है। रेबीज एक घातक वायरल बीमारी है जो दिमाग और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। अक्सर लोगों को लगता है की ये केवल कुत्तों के काटने से होता है जबकि हकीकत यह है कि यह कुत्तों के अलावा और भी कई जानवरों से फैल सकता है। रेबीज संक्रमित जानवर की लार के जरिए या आमतौर पर काटने या खरोंचने से फैल सकता है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि और किन जानवरों से रेबीज फैल सकता है। आज वर्ल्ड रेबीज डे है। इस अवसर पर हम जानेंगे और किन जानवरों के काटने या नोंचने से रेबीज होने का रिस्क रहता है।
कुत्तों के अलावा रेबीज फैलाने वाले जानवर
1- चमगादड़- ये जानवर भी रेबीज़ फैला सकता है। खासकर, अगर कोई चमगादड़ घर के अंदर उड़ता हुआ आ जाए या जमीन पर पड़ा मिले, तो उसे नंगे हाथों से छूने से बचना चाहिए। चमगादड़ के छोटे-छोटे दांत होते हैं, जिसकी वजह से उसके काटने का निशान भी सरलता से नज़र नहीं आता है।
2- बिल्लियां- यह भी रेबीज की कैरियर हो सकती हैं। घरेलू बिल्लियों को अगर टीका न लगा हो और वे बाहरी दुनिया के संपर्क में आती हों, तो उनके काटने या खरोंचने से रेबीज फैलने का खतरा रहता है। आवारा बिल्लियों से खासतौर सावधानी बरतनी चाहिए।
3 – बंदर- बंदरों के काटने से न सिर्फ रेबीज, बल्कि अन्य इन्फेक्शन का भी खतरा होता है।
4- जंगली जानवर- ये जंगली कैनाइन फैमिली के सदस्य हैं और रेबीज के कैरियर भी माने जाते हैं। आमतौर पर ये इंसानों से दूर रहते हैं, लेकिन अगर कोई जानवर इन्फेक्टेड है और बीमारी की वजह से उसका व्यवहार बदल गया है और हमला कर सकता है।
5 – गाय, घोड़े- हालांकि कम, लेकिन अगर कोई जंगली जानवर, जैसे- लोमड़ी या रैकून काट ले, तो गाय, भैंस या घोड़े जैसे बड़े जानवर भी रेबीज से इन्फेक्ट हो सकते हैं। ऐसे जानवरों में बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
6- गिलहरी, चूहे, खरगोश- इन छोटे जानवरों से रेबीज फैलने का खतरा बहुत कम माना जाता है। हालांकि, यह भी रेबीज फैला सकते हैं। खासकर, अगर कोई गिलहरी या चूहा बिना किसी डर के, आक्रामक तरीके से व्यवहार करे, तो यह चिंता का विषय हो सकता है। ऐसे किसी भी जानवर के काटने पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
क्या करें अगर किसी जानवर ने काट लिया है?
– सबसे पहले तुरंत घाव को साबुन और बहते पानी से कम से कम 15 मिनट तक धोएं। ये बहुत ज़रूरी कदम है जो वायरस को काफी हद तक निष्क्रिय कर सकता है।
– घाव के ऊपर साफ पट्टी का इस्तेमाल करें।
– तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर यह आकलन करेंगे कि रेबीज का टीका लगवाने की जरूरत है या नहीं।
– अगर हो सके, तो उस जानवर पर नजर रखें जिसने काटा है, लेकिन खुद उसे पकड़ने क कोशिश ना करें ।