महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे से फिल्म निर्देशक और अभिनेता महेश मांजरेकर ने यूट्यूब चैनल के इंटरव्यू में पूछा था कि क्या वे भविष्य में कभी उद्धव ठाकरे के साथ गठबंधन कर सकते हैं? इस पर राज ठाकरे ने कहा कि किसी भी बड़ी बात के सामने हमारे विवाद या हमारे झगड़े बहुत छोटे हैं। महाराष्ट्र बहुत बड़ा है।
मुंबई। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) से फिल्म निर्देशक और अभिनेता महेश मांजरेकर (Film director and actor Mahesh Manjrekar) ने यूट्यूब चैनल के इंटरव्यू में पूछा था कि क्या वे भविष्य में कभी उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के साथ गठबंधन कर सकते हैं? इस पर राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने कहा कि किसी भी बड़ी बात के सामने हमारे विवाद या हमारे झगड़े बहुत छोटे हैं।
महाराष्ट्र बहुत बड़ा है। महाराष्ट्र के अस्तित्व, मराठी लोगों (Marathi People) के अस्तित्व के सामने ये झगड़े और विवाद बहुत ही मामूली हैं। मुझे नहीं लगता कि साथ आने या साथ रहने में कोई मुश्किल है, लेकिन मुद्दा केवल इच्छा का है। हमें ‘लार्जर पिक्चर देखनी चाहिए, मैं वही देख रहा हूं। मैं तो चाहता हूं कि महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों से जुड़े सभी मराठी लोग एक साथ आएं और एक पार्टी बनाएं।
उनसे पूछा गया कि शिवसेना से शिंदे गुट की बगावत और पार्टी में टूट पर क्या कहेंगे, तो राज ठाकरे ने कहा कि मैं दूसरों की मेहनत पर अपनी लकीर नहीं पिटता। शिंदे का अलग होना और विधायकों के साथ बाहर जाना एक अलग तरह की राजनीति का हिस्सा है। जब मैंने शिवसेना छोड़ी तो कई विधायक और सांसद मेरे पास आए। तब भी मैं ऐसा करने में सक्षम था, लेकिन मैं बालासाहेब के अलावा किसी और के अधीन काम नहीं कर सकता। मैं उस समय शिवसेना में था। उद्धव के साथ काम करने में कोई समस्या नहीं थी, लेकिन क्या सामने वाला व्यक्ति चाहता था कि मैं उसके साथ काम करूं?
इसलिए अब सवाल उठने लगा है कि क्या ये राज ठाकरे (Raj Thackeray) और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बीच भविष्य के गठबंधन के संकेत हैं। मुझे लगता है कि बड़ी तस्वीर को देखना जरूरी है। राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने यह भी बड़ा बयान दिया है कि महाराष्ट्र के सभी राजनीतिक दलों के मराठी लोगों को एक साथ आकर एक पार्टी बनानी चाहिए।
एकनाथ शिंदे के सत्ता में आने और ऐतराज की बात पर राज ने कहा,कि पहली बात तो यह कि शिंदे का जाना या विधायकों का टूटना राजनीति का अलग हिस्सा बन गया। जब मैंने शिवसेना छोड़ी तो कई विधायक और सांसद मेरे पास आए, लेकिन मेरे मन में एक ही बात थी कि अगर बालासाहेब को छोड़ दूंगा तो किसी और के अधीन काम नहीं करूंगा। उस समय यही स्थिति थी।
भाजपा के साथ जाने पर कहा कि राजनीति में क्या हो जाए, कह नहीं सकते
महेश मांजरेकर ने भाजपा के साथ जाने पर सवाल किया तो राज ठाकरे ने कहा, कि मैं महाराष्ट्र के बारे में या मराठी लोगों के लिए जो कुछ भी कह सकता हूं या कर सकता हूं, मैं करूंगा। मेरा भाजपा के साथ आना राजनीतिक होगा, लेकिन मेरी सोच उनकी सोच से मेल नहीं खाती। लेकिन राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता? राजनीति में सब कुछ बदल जाता है। यहां सब कुछ इतनी तेजी से हो रहा है कि आप नहीं बता सकते कि कब क्या हो जाएगा?