कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। शनिवार को आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बयान का विरोध किया है। होसबोले ने कहा कि किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने का एक कारण होना चाहिए। आरएसएस नियमित रूप से राष्ट्र निर्माण में लगा रहता है और जनता ने इसे स्वीकार भी किया है।
मुंबई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress National President Mallikarjun Kharge) ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। शनिवार को आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले (RSS General Secretary Dattatreya Hosabale) ने मल्लिकार्जुन खड़गे के इस बयान का विरोध किया है। होसबोले ने कहा कि किसी भी संगठन पर प्रतिबंध लगाने का एक कारण होना चाहिए। आरएसएस नियमित रूप से राष्ट्र निर्माण में लगा रहता है और जनता ने इसे स्वीकार भी किया है। होसबोले ने मध्य प्रदेश के जबलपुर में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक के दूसरे दिन आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही।
दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि प्रतिबंध के पीछे कोई कारण अवश्य होगा। राष्ट्र निर्माण में लगे आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने से क्या हासिल होगा? जनता ने पहले ही आरएसएस को स्वीकार कर लिया है। यह बैठक आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कचनार शहर में संघ के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रमों और अन्य राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई थी। आरएसएस महासचिव की यह टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा संगठन पर प्रतिबंध लगाने के आह्वान के कुछ दिनों बाद आई है, क्योंकि उन्होंने भारत में कानून-व्यवस्था की वर्तमान स्थिति के लिए आरएसएस और भाजपा को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वास्तव में सरदार वल्लभभाई पटेल के विचारों का सम्मान करते हैं, तो उन्हें आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लेना चाहिए।