सावन में शिव भक्ति के लिए सर्वोत्तम समय है। इस पूरे माह में भगवान शिव की उपासना का वातावरण बना रहता है।
Sawan – Shiva and Rahu : सावन में शिव भक्ति के लिए सर्वोत्तम समय है। इस पूरे माह में भगवान शिव की उपासना का वातावरण बना रहता है। श्रद्धालुओं के लिए इस माह में इस बात के लिए विशेष अवसर मिल जाता है कि वो इस माह में कुछ सरल उपाय करके अपनी कुंडली में राहु के राहु नकारात्मक प्रभावों को कम या पूर्ण स्प से शांत कर सकते है। भगवान शिव और राहु का संबंध भक्ति और आराधना का है। वहीं शिव की पूजा करने से न केवल राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है, बल्कि जीवन में सुख-शांति भी प्राप्त की जा सकती है। ज्योतिष शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान शिव को ऐसा देवता है जो राहु के प्रभाव को नियंत्रित या बेअसर कर सकते हैं, और सावन के दौरान उनकी पूजा करना इस उद्देश्य के लिए विशेष रूप से शक्तिशाली माना जाता है।
श्रावण मास शुभ अवधि
वैदिक ज्योतिष में नौ खगोलीय पिंडों में से एक, राहु, अपने छाया प्रभाव के लिए जाना जाता है, जो अक्सर अचानक परिवर्तन, बाधाओं और कठिनाइयों से जुड़ा होता है। जब राहु किसी की कुंडली में प्रतिकूल स्थिति में होता है, तो यह स्वास्थ्य समस्याओं, वित्तीय अस्थिरता और रिश्तों की समस्याओं सहित कई चुनौतियों का कारण बन सकता है। श्रावण मास की शुभ अवधि के दौरान राहु शांति पूजा करने से इन परेशानियों को कम करने और शांति एवं समृद्धि लाने में मदद मिल सकती है।
शिव का भक्त
राहु को भगवान शिव का भक्त माना जाता है, और शिव उनके आराध्य देव हैं।
बेलपत्र, दूध, शहद
शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, शहद और गंगाजल चढ़ाने से भी राहु शांत होते हैं।
नियमित पूजा
प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा करने से राहु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है
विशेष अनुष्ठान
सावन का महीना भक्तों को इन प्रभावों को कम करने के लिए विशेष अनुष्ठान करने का अवसर प्रदान करता है।
शिव नागों के स्वामी
शिव नागों के भी स्वामी हैं और राहु को अर्ध-सर्प के रूप में दर्शाया गया है, जो उनके संबंध को और मजबूत करता है।