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Shukra Pradosh 2025 : शुक्र प्रदोष व्रत का पालन करने से सभी कष्टों का नाश करता है , ग्रह दोषों से मिलती है मुक्ति

हिंदू धर्म भगवान भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है।  त्रयोदशी तिथि सभी प्रकार के दोषों का शमन करने की क्षमता रखती है, अतः इसे प्रदोष कहा जाता हैं।

By अनूप कुमार 
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Shukra Pradosh 2025 : हिंदू धर्म भगवान भोलेनाथ की पूजा का विशेष महत्व है।  त्रयोदशी तिथि सभी प्रकार के दोषों का शमन करने की क्षमता रखती है, अतः इसे प्रदोष कहा जाता हैं। हर माह की त्रयोदशी तिथि भगवान शिव को समर्पित है। शब्द “प्रदोष” प्र और दोष से मिलकर बना है, प्र का अर्थ है कर्म का मार्ग और दोष का अर्थ है विकार। जिस प्रकार शब्द प्रयास का अर्थ है श्रम करने का मार्ग, प्रयोग का अर्थ खोजने का मार्ग। इसी तरह प्रदोष का अर्थ है दोष से मुक्ति का मार्ग। भगवान शिव की कृपा पाने का ये शुक्र प्रदोष व्रत सबसे अच्छा माध्यम है।

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हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्रवार, 25 अप्रैल 2025 को प्रदोष व्रत है। ये भगवान शिव के प्रिय दिनों में से एक है क्योंकि ये दिन शुक्रवार को पड़ रहा है इसलिए इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा।

मान्यतानुसार प्रदोष का विधिवत पूजन गरीबी, रोग, मृत्यु, पीड़ा, व्याधि, दुख आदि विकारों से मुक्ति के मार्ग खोल देता है। इसके पीछे चंद्रमा के दोषों और मुक्ति की पौराणिक कथा भी उपलब्ध है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, दांपत्य जीवन सुखमय बनाने के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव के आर्शिवाद से दांपत्य जीवन में कोई कठिनाई नहीं आती।

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