सनातन धर्म पितरों को प्रसन्न रखने के लिए विभिन्न प्रकार से यत्न किए जाते है। इसके लिए अमावस्या की तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
Somvati Amavasya 2024: सनातन धर्म में पितरों को प्रसन्न रखने के लिए विभिन्न प्रकार से यत्न किए जाते है। इसके लिए अमावस्या की तिथि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। चैत्र माह की अमावस्या 8 अप्रैल को है और इस दिन सोमवार है। चैत्र माह की अमावस्या की तिथि सोमवार को पड़ने के कारण यह सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) कहलाती है। सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-पुण्य को बहुत फलदायी माना जाता है। पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सोमवती अमावस्या को महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। पितरों के कुपित होने पर जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं।
दुख और संकट का नाश होता है
सोमवती अमावस्या के दिन कुछ उपाय करने से पितृ दोष (Pitra Dosh) से मुक्ति मिल सकती है। चैत्र अमावस्या पर दुर्लभ और मंगलकारी इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इंद्रयोग में भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आए सभी दुख और संकट का नाश होता है। इसके साथ ही पितरो का आशीर्वाद भी मिलता है।
8 अप्रैल को मनाई जाएगी सोमवती अमावस्या
सोमवती अमावस्या की शुरुआत 8 अप्रैल, 2024 को देर रात 3:21 पर शुरू होगी जो 8 अप्रैल को रात 11:50 पर खत्म हो जाएगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 8 अप्रैल को ही सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।
सफेद पुष्प और कुश का करें उपयोग
सोमवती अमावस्या के दिन प्रात: काल स्नान के बाद पितरों को स्मरण करें और उनका तर्पण किया जा सकता है। इसके लिए काले तिल, सफेद पुष्प और कुश का उपयोग करें। तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
पितृ दोष से मुक्ति
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सोमवती अमावस्या पर कुत्ते, गाय, कौआ आदि को भोजन कराएं। ऐसा करना पितृ दोष से निजात पाने और पितरों की कृपा पाने का सबसे आसान तरीका है।