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खत्म होगा इंतजार ! किसी का होगा तबादला तो किसी को मिलेगी पदोन्नति

मोहन सरकार ने तबादलों और पदोन्नति की नीतियों का फाइनल ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है। तबादला नीति और पदोन्नति प्राथमिकता में हैं। पदोन्नति 2016 से बंद है। तब से अब तक डेढ़ लाख से अधिक शासकीय सेवक रिटायर्ड हो चुके हैं

By Shital Kumar 
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भोपाल। सूबे में अब न केवल तबादलों पर लगी रोक को हटाया जाएगा तो वहीं पदोन्नति के भी रास्ते सरकार खोलने जा रही है। कुल मिलाकर जल्द ही अधिकारियों और कर्मचारियों का इंतजार खत्म होने वाला है।
दरअसल मोहन सरकार ने तबादलों और पदोन्नति की नीतियों का फाइनल ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है। तबादला नीति और पदोन्नति प्राथमिकता में हैं। अगले माह तक शासकीय सेवकों को ये दोनों अवसर मिल सकते हैं। बताते हैं, सरकार एक से डेढ़ माह में तबादला और पदोन्नति जैसी दोनों प्रक्रियाओं को पूरा कराने पर जोर दे रही है। हाल में ही सीएम डॉ. मोहन यादव ने पदोन्नति पर सरकार का विजन भी स्पष्ट किया था।

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सूत्रों की मानें तो दोनों नीतियों पर सरकार ने काम लगभग पूरा कर लिया है। इन ड्राट को जल्द ही कैबिनेट के एक्स एजेंडे में विचार को लाया जा सकता है। कैबिनेट की मंजूदरी के बाद प्रदेश के 7500 कर्मचारी-अधिकारी इसका लाभ पाएंगे। सामान्य प्रशासन ने तबादला नीति का ड्राट पहले ही दे दिया गया है। पदोन्नति 2016 से बंद है। तब से अब तक डेढ़ लाख से अधिक शासकीय सेवक रिटायर्ड हो चुके हैं। इनमें से कुछ को वरिष्ठ वेतनमान मिला, लेकिन सभी इसके दायरे में नहीं लिए गए। सूत्र बताते हैं, पदोन्नति उसी तारीख से दी जानी है, जब से संबंधित शासकीय सेवक हकदार हैं, लेकिन उसके एवज में मिलने वाला एरियर मिलेगा, यह तय नहीं है। दो माह बाद बारिश का दौर शुरू होगा। तब बड़ा काम खरीफ की बोवनी का होगा। प्रदेश में खरीफ कार्य योजना को जमीन पर उतारना कई मामलों में चुनौती पूर्ण होता है, क्योंकि सरकार को खाद, बीज जैसे कई साधन जुटाने होते हैं। इसी बीच कई बार बारिश में बाढ़, जर्जर मकानों के गिरने, जन-जीवन अस्त-व्यस्त जैसे खतरों से निपटना बड़ी चुनौती है। सरकार खरीफ बोवनी व बारिश के संभावित खतरों के पहले तबादला और पदोन्नति जैसे काम पूरा करना चाहती है। तबादला नीति में ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों मोड के आवेदन के प्रावधान हो सकते हैं।  जिन विभागों में पूरी तरह ई-ऑफिस लागू, वहां प्रक्रिया ऑनलाइन ही मान्य हो सकती है।

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