70 और 80 के दशक में कुछ ऐसी गाड़ियां थीं जो अगर सड़क से गुजर जाती थीं तो लोगो की नजरें वहीं टिक जाती थीं। देसी ब्रांड की ये गाड़ियां अपने समय में सबसे अधिक लोकप्रिय थीं। ऐसी गाड़ियों में से एक हैं हिंदुस्तान एंबेसडर। एंबेसडर गाड़ी ने भारतीय ऑटोमोबाइल इतिहास की सबसे आइकॉनिक कारों में एक थी। खासतौर से राजनीति जगत की प्रमुख हस्तियों नेता मंत्रियों के अलावा सरकारी अधिकारियों के पास ही नजर आती थी।
70 और 80 के दशक में कुछ ऐसी गाड़ियां थीं जो अगर सड़क से गुजर जाती थीं तो लोगो की नजरें वहीं टिक जाती थीं। देसी ब्रांड की ये गाड़ियां अपने समय में सबसे अधिक लोकप्रिय थीं। ऐसी गाड़ियों में से एक हैं हिंदुस्तान एंबेसडर। एंबेसडर गाड़ी ने भारतीय ऑटोमोबाइल इतिहास की सबसे आइकॉनिक कारों में एक थी। खासतौर से राजनीति जगत की प्रमुख हस्तियों नेता मंत्रियों के अलावा सरकारी अधिकारियों के पास ही नजर आती थी।
साल 1958 से लेकर 2014 तक इसका उत्पादन हुआ। इसकी मजबूत बॉडी और आरामदायक सवारी ने लोगो के दिलों में जगह बनाई और पहली पसंद बनी।
दूसरे नंबर पर आती है प्रेमियर पद्मिनी। साल 1970 और 80 के दशक में प्रेमियर पद्मिनी मीडिल क्लास परिवारों की पसंदीदा कार में से एक थी। इसकी स्टाइलिश डिजाइन लोगो को खूब पसंद आता था। यह कार अधिकतर मुंबई की सड़कों पर नजर आती थी।
इसके बाद साल 1983 में लॉंच हुई मारुति 800। अपनी कम कीमत और ईधन दक्षता ने इसे हर मीडिल क्लास भारतीय की पसंद बना दिया। मारुति 800 भारत की सबसे अधिक बिकने वाली कारों में से एक रही है।
महिंद्रा जीप ने भारतीय ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में अपने दमदार प्रदर्शन के लिए खासी पहचान बनाई। इसका इस्तेमाल अधिकतर सेना, पुलिस, और किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर किया गया।
टाटा इंडिका को 1998 में लॉन्च किया गया और यह भारत की पहली संपूर्ण रूप से देसी कार थी। इसका विशाल इंटीरियर और बेहतर माइलेज ने इसे भारतीय उपभोक्ताओं के बीच बेहद लोकप्रिय बना दिया।