कुछ लोगों का मानना है कि मेहनत से जिंदगी में सब कुछ हासिल किया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ ये बात भी सही प्रतीत होती है कि जीवन में सफलता पाने के लिए मेहनत एवं परिश्रम के साथ-साथ किस्मत का साथ होना भी बहुत जरूरी होता है। कई बार लोगों को मेहनत करने और बार-बार प्रयास करने के बावजूद सफलता नहीं मिल पाती है और इसका कारण होता है भाग्य का साथ ना मिल पाना।
Kishmt jgaane ka totka: कुछ लोगों का मानना है कि मेहनत से जिंदगी में सब कुछ हासिल किया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ ये बात भी सही प्रतीत होती है कि जीवन में सफलता पाने के लिए मेहनत एवं परिश्रम के साथ-साथ किस्मत का साथ होना भी बहुत जरूरी होता है। कई बार लोगों को मेहनत करने और बार-बार प्रयास करने के बावजूद सफलता नहीं मिल पाती है और इसका कारण होता है भाग्य का साथ ना मिल पाना।
अगर आपको मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिल पा रही है आपको देखना चाहिए कि कहीं आपका भाग्येश तो कमजोर नहीं है। ज्योतिषशास्त्र में भाग्येश उस स्थान को कहा जाता है जो भाग्य के स्थान यानि कुंडली के नवम भाव में मौजूद राशि का स्वामी ग्रह होता है। अगर किसी जातक की कुंडली के नवम भाव में मिथुन या कन्या राशि है तो उसका भाग्येश बुध होगा। आप अपने भाग्येश को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं।
अगर आपकी कुंडली में बुध भाग्येश होकर आपको अच्छा फल नहीं दे पा रहा है तो आपको रोज़ भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए। बुध ग्रह का स्वामी भगवान गणेश हैं और इसलिए इस ग्रह को मजबूत करने के लिए भगवान गणेश की पूजा की जाती है। बुधवार के दिन गाय को हरे रंग का चारा खिलाएं और तांबे का कड़ा धारण करें।
यदि कुंडली के नवम भाव में तुला या वृषभ राशि है तो आपका भाग्येश शुक्र होगा। वहीं अगर शुक्र भाग्येश के स्थान पर बैठकर शुभ फल नहीं दे पा रहा है तो आपको मां लक्ष्मी की उपासना करनी चाहिए। रोज़ मां लक्ष्मी की आरती करें और शुक्रवार के दिन खीर का भोग लगाएं।
जन्मकुंडली में भाग्येश के स्थान पर चंद्रमा बैठा हो और अशुभ फल दे रहा तो आपको सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। चांदी के गिलास में पानी पीने से लाभ होता है।
भाग्येश में बृहस्पति कमजोर हो और इस वजह से आपको भाग्य का साथ नहीं मिल पा रहा हो तो आपको भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहिए। केसर या हल्दी का तिलक लगाकर घर से निकलें।
मंगल की अशुभ स्थिति के कारण भी भाग्य का साथ नहीं मिल पाता है। ऐसे में आपको मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए। सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करें।
अगर शनि देव नाराज़ हो जाएं तो आप खुद ही समझ सकते हैं कि आपके जीवन में हर समय परेशानियां ही होंगीं। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए जितना हो सके काले और नीले रंग के वस्त्रों और चीज़ों का प्रयोग करें। शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीया जलाएं और हनुमान जी की उपासना करें।
सूर्य का असर रहे अशुभ
सूर्य देव तो हैं ही सफलता के कारक और अगर ये भाग्येश में अशुभ फल दे रहे हैं तो फिर आपको भाग्य का साथ मिल ही नहीं सकता है। रोज़ सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक किसी भी समय गायत्री मंत्र का जाप करें। सुबह स्नान के बाद तांबे के लोटे से सूर्य को जल चढ़ाएं।