ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट मामले (Tribunal Reforms Act Cases) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से एक बार फिर केंद्र सरकार (Central Government) को फटकार पड़ी है। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई (Chief Justice of India BR Gavai) ने स्थगन की मांग पर आपत्ति जताई है।
नई दिल्ली। ट्रिब्यूनल रिफॉर्म्स एक्ट मामले (Tribunal Reforms Act Cases) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से एक बार फिर केंद्र सरकार (Central Government) को फटकार पड़ी है। भारत के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई (Chief Justice of India BR Gavai) ने स्थगन की मांग पर आपत्ति जताई है। इससे पहले भी उन्होंने मामले को बड़ी बेंच के पास भेजे जाने के अनुरोध को लेकर केंद्र पर सवाल उठाए थे और कहा था कि लगता है सरकार मौजूदा पीठ से बचना चाह रही है।
बार एंड बेंच के अनुसार, अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी (Attorney General R. Venkataramani) ने मामले में स्थगन की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एएसजी ऐश्वर्या भाटी की तरफ से यह अनुरोध पेश किया गया था। इस पर सीजेआई गवई (CJI Gavai) ने सवाल उठा दिया कि क्या सरकार उनके रिटायरमेंट होने का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा, कि ‘हम दो बार पहले ही आपकी बात मान चुके हैं। कितनी बार और?
सीजेआई (CJI ) ने कहा कि अगर आप यह 24 नवंबर के बाद चाहते हैं, तो हमें बता दें। यह कोर्ट के साथ बहुत अन्याय है। हर बार आप मध्यस्थता के लिए सुविधा मांगते हैं। आपके कई वकील हैं और आप बड़ी बेंच की मांग को लेकर आधी रात में आवेदन दाखिल करते हैं। उन्होंने कहा कि जब हम हाईकोर्ट में थे, तो जो भी ब्रीफ हमें छोड़ने पड़ते थे, उसके लिए हम यहां आते थे। हम सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का बहुत सम्मान करते हैं। हम कल और कोई केस नहीं लिया। हमने सोचा था कि हम कल सुनवाई करेंगे और वीकेंड पर फैसला लिख देंगे।’
पहले भी भड़का था कोर्ट सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उस अर्जी पर कड़ा रुख अपनाया, जिसमें अधिकरण सुधार (सुव्यवस्थीकरण एवं सेवा शर्तें) अधिनियम, 2021 प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को वृहद पीठ के पास भेजने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा कि अंतिम सुनवाई के आखिरी चरण में सरकार से ऐसी उम्मीद नहीं थी।
सीजेआई गवई (CJI Gavai) और जस्टिस विनोद चंद्रन की बेंच ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई कि केंद्र अब इस मामले को पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेजना चाहता है। पीठ ने इस मामले में मुख्य याचिकाकर्ता मद्रास बार एसोसिएशन सहित विभिन्न याचिकाकर्ताओं की ओर से अंतिम दलीलें पहले ही सुन ली हैं।
पीठ ने कहा कि पिछली तारीख (सुनवाई की) पर, आपने (अटॉर्नी जनरल) ये आपत्तियां नहीं उठाईं और आपने निजी कारणों से सुनवाई टालने का अनुरोध किया। आप पूरी सुनवाई के बाद ये आपत्तियां नहीं उठा सकते… हम केंद्र सरकार से ऐसी तरकीब अपनाने की उम्मीद नहीं करते हैं।’ नाराज नजर आ रहे प्रधान न्यायाधीश ने कहा, कि यह ऐसे समय हुआ है जब हमने एक पक्ष की पूरी बात सुन ली है और अटॉर्नी जनरल को निजी कारणों से छूट दी है।’ सीजेआई (CJI ) ने कहा था कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार मौजूदा पीठ से बचना चाहती है। सीजेआई गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।