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आतंकवाद की लड़ाई में भारत के साथ आया ये बड़ा मुस्लिम देश, सौंपे 2 खूंखार आतंकी

इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के दो आतंकियों तल्हा खान (Terrorist Talha Khan) और अब्दुल्ला फयाज  (Abdullah Fayaz) को NIA ने बीते सप्ताह मुंबई एयरपोर्ट (Mumbai Airport) से गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी से पता चला है कि वे भारत में हमले की साजिशें रच रहे थे। ये इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के स्लीपर सेल के तौर पर ऐक्टिव थे।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के दो आतंकियों तल्हा खान (Terrorist Talha Khan) और अब्दुल्ला फयाज  (Abdullah Fayaz) को NIA ने बीते सप्ताह मुंबई एयरपोर्ट (Mumbai Airport) से गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी से पता चला है कि वे भारत में हमले की साजिशें रच रहे थे। ये इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के स्लीपर सेल के तौर पर ऐक्टिव थे। इन्हें मुंबई में इंडोनेशिया से प्रत्यर्पण के बाद इन्हें लाया गया था। इस पूरे मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि ये दोनों लोग महाराष्ट्र से ही इस्लामिक स्टेट (Islamic State) के स्लीपर सेल (Sleeper Cell) के तौर पर ऐक्टिव थे और फिर इंडोनेशिया भाग गए थे।

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दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया (Indonesia) में इ्न्होंने पनाह ले रखी थी, लेकिन भारतीय एजेंसियों की सक्रियता से ये फंस गए। इसके अलावा इंडोनेशिया (Indonesia) ने भी आतंकवाद से लड़ाई में साथ देने का वादा भारत से निभाया। इंडोनेशिया (Indonesia) की ओर से यह बड़ी मदद ऐसे समय में की गई है, जब पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack)  के बाद से भारत का पाकिस्तान के साथ तनाव चल रहा है। यही नहीं कुछ दिनों तक तो युद्ध जैसे हालात बने रहे। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terrorist Attack) की भी इंडोनेशिया (Indonesia) ने निंदा की थी और आतंक से निपटने में भारत के साथ चलने का संकल्प जताया था। इंडोनेशिया ने उसी वादे पर अमल करते हुए दो आतंकवादी सौंपे हैं। उसने इस्लामिक सहयोग संगठन में भी भारत का पक्ष रखा था। बता दें कि इंडोनेशिया के साथ भारत के पुराने रिश्ते रहे हैं। इसके अलावा सांस्कृतिक तौर पर भी इंडोनेशिया (Indonesia) खुद को भारतीय संस्कृति का अनुयायी बताता रहा है।

यहां तक कि इसी साल जनवरी में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो (Indonesia’s President Prabowo Subianto) गणतंत्र दिवस परेड में मेहमान के तौर पर आए थे। उनका भारत के बाद पाकिस्तान जाने का भी प्लान था। इस पर भारत ने ऐतराज जताया तो उन्होंने पाकिस्तान जाने का प्लान टाल दिया था। फिर वह भारत में ही ज्यादा दिनों तक रुके रहे। वह भारत में तय कार्यक्रम से भी ज्यादा समय तक रुके रहे। इससे पता चलता है कि इंडोनेशिया (Indonesia) के साथ भारत के संबंधों की क्या गहराई रही है। माना जा रहा है कि इन दो आतंकियों के प्रत्यर्पण के पीछे भारत सरकार के कूटनीतिक प्रयासों की सफलता है। सुबियांतो से हाल ही में इंडोनेशिया में तैनात भारतीय राजदूत ने मुलाकात की थी।

राजदूत की राष्ट्रपति से मुलाकात में बन गई बात?

इस मीटिंग में सुबियांतो ने साफ कहा था कि हम पहलगाम अटैक (Pahalgam  Attack) की निंदा करते हैं। इंडोनेशिया (Indonesia) का इस्लाम आतंकवाद नहीं सिखाता। यही नहीं जनवरी में जब वह भारत आए थे, तब भी पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के सुर में सुर मिलाते हुए आतंकवाद को दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताया था। कहा जा रहा है कि इस बार भी जब राजदूत उनसे मिले तो आतंकवाद पर बात हुई और उन्होंने स्लीपर सेल से जुड़े दो लोगों की बात उठाई। यहीं से आतंकी तल्हा खान (Terrorist Talha Khan)और अब्दुल्ला फयाज  (Abdullah Fayaz) के प्रत्यर्पण की पटकथा लिखी गई।

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