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Utpanna Ekadashi 2024 : उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से सीधे बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है, इस शुभ योग में मनाई जाएगी

मार्गशीर्ष महीने स्नान, दान ,भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान बहुत फलित माना जाता है। शास्त्रों में तो मार्गशीर्ष महीने को श्रीकृष्ण का महीना कहा गया है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Utpanna Ekadashi 2024 : मार्गशीर्ष महीने स्नान, दान ,भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान बहुत फलित माना जाता है। शास्त्रों में तो मार्गशीर्ष महीने को श्रीकृष्ण का महीना कहा गया है। इस मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया जाता है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) की पूजा होती  है। शास्त्रों के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से सीधे बैकुंठ धाम में स्थान मिलता है और जन्म-जन्म के पाप मिट जाते हैं। तुलसी को भगवान विष्णु की प्रिय माना जाता है इसलिए एकादशी की पूजा और प्रसाद में तुलसी का उपयोग बेहद शुभ मानते हैं। धूप और दीप जलाए जाते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से सभी प्रकार के रोग द्वेष दूर हो जाते हैं। उत्पन्ना एकादशी व्रत करने से हजार वाजपेय और अश्‍वमेध यज्ञ का फल मिलता है। इससे देवता और पितर तृप्त होते हैं।

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 शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के मुताबिक, एकादशी तिथि 26 नवंबर की देर रात 1:01 बजे से शुरू होगी और 27 नवंबर की देररात 3:47 बजे इस तिथि का समापन होगा। हिंदू धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना होती है। ऐसे में उत्पन्ना एकादशी 26 नवंबर को मनाई जाएगी। इसका पारण 27 नवंबर दोपहर 1:12 बजे से लेकर 3:18 बजे तक कर सकते हैं।

एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल से श्रीहरि का अभिषेक करें। अभिषेक के दौरान पीतांबरी वस्त्र ही धारण करें।

ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय

शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये

ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्। अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्

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