सनातन धर्म में पति की पति की लंबी आयु और संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए वट सावित्री व्रत का पालन किया जाता है। हर वर्ष ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि (amavasya tithi 2025) पर वट सावित्री व्रत (vat savitri vrat) किया जाता है।
Vat Savitri vrat 2025 : सनातन धर्म में पति की पति की लंबी आयु और संतान सुख का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए वट सावित्री व्रत का पालन किया जाता है। हर वर्ष ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि (amavasya tithi 2025) पर वट सावित्री व्रत (vat savitri vrat) किया जाता है। इस दिन दान पुण्य करने का भी विशेष महत्व होता है। इस व्रत में वट वृक्ष की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं वट सावित्री व्रत की तिथि और तिथि ,शुभ मुहूर्तऔर पूजा सामग्री।
वट सावित्री व्रत 2024 कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल 5 जून 2024 को शाम 7 बजकर 54 मिनट पर ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि शुरू होगी। इसका समापन 6 जून को शाम 6 बजकर 7 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार वट सावित्री का व्रत 6 जून 2024, गुरुवार के दिन रखा जाएगा।
पूजनीय वृक्ष
धर्मशास्त्र की माने तो वट वृक्ष में ब्रह्मा विष्णु और महेश तीनों देव का वास होता है। बरगद के तने में भगवान विष्णु का वास होता है तो जड़ में ब्रह्मदेव का वास माना जाता है। शाखोंओ में भगवान शिव का वास होता है। वट की लटकती शाखों को सावित्री स्वरूप मानते हैं। इसलिए पूरा पेड़ पूजनीय होता है।
पूजा थाली
वट सावित्री की पूजा में लगने वाली प्रमुख सामग्रियां इस प्रकार है। इसमें सावित्री-सत्यवान की मूर्ति, कच्चा सूत, बांस का पंखा, लाल कलावा, धूप-अगरबत्ती, मिट्टी का दीपक, घी, बरगद का फल, मौसमी फल जैसे आम ,लीची और अन्य फल, रोली, बताशे, फूल, इत्र, सुपारी, सवा मीटर कपड़ा, नारियल, पान, धुर्वा घास, अक्षत, सिंदूर, सुहाग का समान, नगद रुपए और घर पर बने पकवान जैसे पूड़ियां, मालपुए और मिष्ठान जैसी सामग्रियां व्रत सावित्री पूजा के लिए जरूरी होती।