अमेरिका (America) में बुधवार को व्हाइट हाउस (White House) के पास नेशनल गार्ड्स के 2 जवानों को गोली मार दी गई है। इस मामले में एक अफगान शरणार्थी (Afghan Refugee) को हिरासत में लिया गया है। FBI अधिकारियों के मुताबिक, हमले में शामिल संदिग्ध की पहचान 29 साल के रहमानुल्लाह लाकनवाल (Rahmanullah Lakanwal) के तौर पर हुई है।
नई दिल्ली। अमेरिका (America) में बुधवार को व्हाइट हाउस (White House) के पास नेशनल गार्ड्स के 2 जवानों को गोली मार दी गई है। इस मामले में एक अफगान शरणार्थी (Afghan Refugee) को हिरासत में लिया गया है। FBI अधिकारियों के मुताबिक, हमले में शामिल संदिग्ध की पहचान 29 साल के रहमानुल्लाह लाकनवाल (Rahmanullah Lakanwal) के तौर पर हुई है। वह अगस्त 2021 में अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिका आया था। उसने 2024 में शरणार्थी के दर्जे के लिए अप्लाई किया था और उसे अप्रैल 2025 में मंजूरी मिली थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (US President Donald Trump) ने इसे आतंकी घटना (Terrorist Incident) करार दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें जो भी शामिल हैं, उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी होगी। उन्होंने अमेरिका में अफगान शरणार्थियों (Afghan Refugees) की तुरंत एंट्री रोकने का ऐलान किया है।
व्हाइट हाउस के बाहर गोलीबारी के बाद की डरावनी फुटेज। पुलिस और नेशनल गार्ड मौके पर पहुंचे।
— Umashankar Singh उमाशंकर सिंह (@umashankarsingh) November 26, 2025
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हमलावर ने महिला गार्ड के सिर में गोली मारी
यह हमला फैरागट वेस्ट मेट्रो स्टेशन (Farragut West Metro Station) के पास हुआ, जहां लाकनवाल कुछ समय तक इंतजार करता रहा और फिर अचानक अमेरिकी समयानुसार दोपहर 2:15 बजे के आसपास उसने गोलीबारी शुरू कर दी। न्यूयॉर्क पोस्ट (New York Post) के मुताबिक, उसने पहले एक महिला गार्ड को सीने में गोली मारी और फिर सिर में। इसके बाद उसने दूसरे गार्ड पर फायर किया। उसी समय पास ही मौजूद तीसरे गार्ड ने लाकनवाल पर चार गोलियां चलाई, जिसके बाद हमलावर को काबू कर लिया गया। हमलावर को लगभग बिना कपड़ों के एम्बुलेंस में ले जाया गया।
10 साल अफगान सेना में काम कर चुका है आरोपी
NBC न्यूज के मुताबिक लाकनवाल के एक रिश्तेदार ने बताया कि वह अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में पला-बढ़ा था। वह 4 साल पहले अमेरिका आया था और वॉशिंगटन के बेलिंगहैम शहर में अपनी पत्नी और पांच बच्चों के साथ रहता था। रिश्तेदार ने बताया कि लाकनवाला अमेरिका आने से पहले 10 साल तक अफगान सेना में काम कर चुका था और इस दौरान उसने अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज (U.S. Special Forces) के साथ मिलकर ऑपरेशन भी किए थे।
रिश्तेदार के मुताबिक, लाकनवाल अपनी मिलिट्री सर्विस (Military Service) के दौरान कुछ समय कंधार के एक बेस पर तैनात रहा था। इस दौरान उसने अमेरिकी सैनिकों की मदद की थी। रिश्तेदार ने कहा कि उनकी लाकनवाल से कई महीनों से बात नहीं हुई थी। आखिरी बार जब बात हुई थी, तब लाकनवाल अमेजन के लिए काम कर रहा था।
अमेरिका ने अफगान नागरिकों की इमिग्रेशन प्रोसेस रोकी
अमेरिका ने अफगान नागरिकों की इमिग्रेशन से जुड़ी सभी प्रोसेस तुरंत रोक दी हैं। अमेरिकी सिटिजन और इमिग्रेशन सर्विस (USCIS) ने X पर बताया कि अफगान नागरिकों की सभी इमिग्रेशन रिक्वेस्ट को अब अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया गया है। एजेंसी ने कहा कि सुरक्षा से जुड़ी जांच और वेटिंग सिस्टम की दोबारा समीक्षा की जाएगी। जब तक यह समीक्षा पूरी नहीं हो जाती, तब तक कोई भी अफगान नागरिक इमिग्रेशन से जुड़ी प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ा पाएगा। USCIS ने अपने बयान में साफ कहा कि अमेरिकी जनता की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता है, इसलिए यह कदम उठाना जरूरी हो गया था।
ट्रम्प बोले- यह मानवता के खिलाफ अपराध
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट (US Justice Department) इस मामले को आतंकवादी हमले (Terrorist Attack) के तौर पर जांच रहा है। हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने पेंटागन (Pentagon) को निर्देश दिया कि वॉशिंगटन DC में सुरक्षा बढ़ाने के लिए 500 एक्स्ट्रा नेशनल गार्ड्स भेजे जाएं। ट्रम्प ने कहा कि आरोपी इसकी भारी कीमत चुकाएगा।
AP की खबर के मुताबिक एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि एक गार्ड को सिर में गोली लगी है। राष्ट्रपति ट्रम्प ने संदिग्ध को जानवर कहा है। ट्रम्प ने ट्रुथ पर लिखा कि हमारी महान नेशनल गार्ड और सुरक्षा बलों पर गर्व है। मैं और मेरी पूरी टीम उनके साथ है। यह पूरे राष्ट्र के खिलाफ अपराध है। यह मानवता के खिलाफ अपराध है।

ट्रम्प का वीडियो मैसेज- अफगानिस्तान नरक जैसी जगह
राष्ट्रपति ट्रम्प ने एक वीडियो मैसेज जारी कर कहा कि मेरी जानकारी में आया है कि संदिग्ध एक विदेशी है, जो अफगानिस्तान से हमारे देश में आया है जो एक तरह की नरक जैसी जगह है। ट्रम्प ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान अमेरिका आए सभी अफगान नागरिकों की दोबारा जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने इन अफगान नागरिकों की ठीक से जांच नहीं की थी। ट्रम्प ने दावा किया कि अमेरिका में बाइडेन के शासन में 2 करोड़ ऐसे विदेशी घुसे, जिनकी ठीक से जांच नहीं हुई। यह अब देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका है।
अभी तक आरोपी का मकसद साफ नहीं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लाकनवाल ऑपरेशन एलाइज वेलकम प्रोग्राम के तहत अमेरिका में आया था। उसे वॉशिंगटन के बेलिंगहैम बसाया गया था। पुलिस का कहना है कि लाकनवाल ने अकेले ही यह हमला किया और अब तक इसका मकसद साफ नहीं है। NBC और वॉशिंगटन पोस्ट का कहना है कि FBI इस मामले को आतंकी हमले के रूप में जांच कर रही है। ट्रम्प ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना करते हुए कहा कि संदिग्ध को बाइडेन प्रशासन के समय अमेरिका लाया गया था।
हमले में घायल सैनिक की पहचान हुई
न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक हमले में घायल हुए एक सैनिक की पहचान हो गई है। घायल जवान का नाम एंड्रयू वोल्फ है। एंड्रयू वोल्फ की इस समय सर्जरी हो रही है। फिलहाल उनकी हालत गंभीर है। हालांकि जिस महिला नेशनल गार्ड सदस्य को सीने और सिर में गोली लगी है, उनकी पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।
नेशनल गार्ड की तैनाती पहले से विवाद में
वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड की तैनाती पिछले कई महीनों से विवाद का विषय रही है। ट्रम्प प्रशासन ने बढ़ते अपराध के हवाले से अगस्त में आदेश जारी कर डीसी पुलिस को फेडरलाइज करते हुए 8 राज्यों और कोलंबिया से नेशनल गार्ड बुलाए थे। हालांकि आदेश एक महीने बाद खत्म हो गया था, लेकिन सैनिक तैनाती पर बने रहे।
वहीं, पिछले हफ्ते एक संघीय जज ने वॉशिंगटन डीसी में नेशनल गार्ड की तैनाती खत्म करने का आदेश दिया था, लेकिन अपील की गुंजाइश देखते हुए आदेश को 21 दिन के लिए रोक दिया गया। इस बीच फायरिंग की यह घटना सामने आई।