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420 करने में फंस गया तार चोर गैंग, कॉपर के तार के नाम पर काले पाइप सीमेंट और रेत भर कर की 8 लाख की ठगी

निर्माणाधीन भवन से कॉपर का हैवी वायर अपनी पूरी गैंग के साथ मिलकर चोरी कर लेते है. इसके पश्चात दिल्ली में एनसीआर क्षेत्र के तार व्यापारियों को ढूंढकर उन्हे सैम्पल दिखाते है.

By Sushil Singh 
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मुरादाबाद:- मुरादाबाद के मूढापाण्डे थाना क्षेत्र में बिजली के कॉपर पीवीसी वायर का तार चोरी करने और फिर तार बेचने के नाम पर ठगी करने वाले दो शातिर आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं. तार चोर कॉपर पीवीसी वायर से कॉपर का तार निकाल कर काले पाइप के अन्दर सीमेन्ट व बजरी भर कर तार के आगे व पीछे असली तार के टुकड़े काट कर एल्फी से चिपका कर ठगी को अंजाम देते थे. तार चोर नकली कॉपर पीवीसी वायर बेचने का काम एनसीआर इलाके में करते थे.

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मुंढापाण्डे थाना क्षेत्र लगातार कॉपर पीवीसी वायर चोरी होने के मामले लगातार सामने आ रहे थे. 3 जुलाई को रात के समय टोल प्लाजा (नियामतपुर इकरौटिया) के पास निर्माणाधीन मेडिकल कालेज से चोरो ने तांबे का पाइप बिजली के तार का सामान और 12 अगस्त को ग्राम दौलरा में HIND TERMINALS PVT LTD से बिजली की तार केबल की चोरी की घटना को तार चोरों ने घटना को अंजाम दिया था. वही 15 अगस्त को अमित कुमार पुत्र श्री सतपाल निवासी 245, ब्राहमण मौहल्ला, ग्राम सभापुर, थाना सोनिया विहार, दिल्ली- 94 ने जाने आलम पुत्र भूरा निवासी ग्राम दौलरा, पोस्ट दौलरी, थाना मूढापाण्डे, जिला मुरादाबाद से 2100 किलो वायर (कपर पीवीसी वायर) खरीदने जिसकी कीमत करीब 8 लाख 10 हजार रूपये अदा की थी. परन्तु चैक करने पर उसमें ऊपर से पीवीसी के अन्दर सीमेन्ट व बजरी भरा हुआ था. आरोपी जाने आलम द्वारा लाखों रूपये का गबन करने के सम्बन्ध में थाना हाजा पर 398/2025 धारा 318(4) में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस पुरे मामले में थाना मंढापाण्डे क्षेत्र में तार चोरी व ठगी करने के संबंध में जाने आलम पुत्र भूरा और नाजिर पुत्र मनाजिर निवासी ग्राम दौलरा थाना मूढापाण्डे जिला मुरादाबाद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. जिनके पास से चोरी किया गया तार, नकद रूपये व असली व फर्जी आधार कार्ड के साथ गिरफ्तार किया गया.

अपराध करने का तरीका:-

एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया की पकड़े गये आरोपी द्वारा पूछताछ में बताया गया कि यह लोग निर्माणाधीन फैक्ट्री को निशाना बनाते हैं, जहां रात में कोई गार्ड मौजूद नहीं रहते हैं. निर्माणाधीन भवन से कॉपर का हैवी वायर अपनी पूरी गैंग के साथ मिलकर चोरी कर लेते है. इसके पश्चात दिल्ली में एनसीआर क्षेत्र के तार व्यापारियों को ढूंढकर उन्हे सैम्पल दिखाते है. तार बेचने से पहले कॉपर का हैवी वायर के टुकड़े साइडर से काटकर खाली काले रंग का मोटा पाईप लेकर उसमें सीमेंट व रेत इत्यादि भर देते है. असली कॉपर हैबी वायर के कटे हुए टुकड़ों को उसके सिरों के दोनों तरफ एलपी से चिप्का देते है. तार का एक नये बॉक्स (कार्टन) में रखवार बेच देते है. तार खरीदने वाला व्यापारी दोनों सिरे को सही देखकर तार खरीद लेते है. तार चोर गैंग द्वारा अपने गैंग के सभी साथियों के साथ मिलकर घटनाओं को अंजाम दिया जाता है. सभी का अलग अलग काम होता है. जैसे व्यापारियों को ढूंढकर उनसे बात करने वाले, रैकी कर चोरी करने वाले एवं वायर में सीमेट भरने वाले, इसी तरह अलग अलग काम बांट लेते है. उसी के अनुसार अपराध कारित करते है. बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है. गिरफ्तार आरोपियों के पास से नकद कुल 1 लाख 70 हजार रूपये, 19 टुकड़े नकली वायर कुल लम्बाई करीब 46 मीटर, एक प्लास्टिक के कट्टे में कुल 13 अदद टुकड़े कॉपर वायर असली कुल लम्बाई करीब 46 मीटर, 2.5 एमएम बिजली का वायर कुल लम्बाई 180 मीटर और असली व नकली आधार कार्ड बरामद हुआ हैं.

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सुशील कुमार सिंह

मुरादाबाद

 

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