सनातन धर्म में एकादशी व्रत को मोक्ष प्राप्ति का साधन माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पूरे मनोभाव से व्रत रखा जाए तो जीवन के सभी कष्ट छूट जाते हैं और पापों से मुक्ति मिलती है।
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 21 जून सुबह 7 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो रही है और इस तिथि का समापन 22 जून की सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत इस साल 21 जून, शनिवार को रखा जाएगा।
भगवान विष्णु के मंत्रों का करें जप
व्रत कथा का श्रवण या पाठ करें। फल, मिठाई और तुलसी के पत्तों सहित भोग अर्पित करें। अंत में जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें।
धार्मिक मान्यता है कि एकादशी जैसे शुभ दिन पर दिया गया दान इस जीवन में ही नहीं, बल्कि आने वाले कई जन्मों तक फल प्रदान करता है।
क्या खाएं और क्या परहेज करें
फलाहार करें
व्रत में केवल फल, दूध, और मेवे का सेवन करें।
अनाज और मसालेदार भोजन से बचें
इस दिन चावल और अन्य अनाज का सेवन वर्जित है।
पानी ज्यादा पिएं
दिनभर ऊर्जा बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।