1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. विरोधी पार्टियों के षड्यन्त्र के तहत कुछ लोग अपनी ही पार्टी को करने में लग जाते हैं कमज़ोर: मायावती

विरोधी पार्टियों के षड्यन्त्र के तहत कुछ लोग अपनी ही पार्टी को करने में लग जाते हैं कमज़ोर: मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने ही पार्टी के कुछ नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, वो विरोधी पार्टियों के षडयन्त्र में आकार अपनी ही पार्टी को कमजोर करने लगते हैं। ऐसे में अनुशासनहीनता अपनाने व परिपक्वता के साथ कार्य ना करने के कारण तब उन्हें मजबूरी में, पार्टी हित में निकालना पड़ता है।

By शिव मौर्या 
Updated Date

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने ही पार्टी के कुछ नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, वो विरोधी पार्टियों के षडयन्त्र में आकार अपनी ही पार्टी को कमजोर करने लगते हैं। ऐसे में अनुशासनहीनता अपनाने व परिपक्वता के साथ कार्य ना करने के कारण तब उन्हें मजबूरी में, पार्टी हित में निकालना पड़ता है।

पढ़ें :- विशेषाधिकार समिति का उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि व्यवस्था की गरिमा बनाए रखना: विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना

मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, देश के दलित व अन्य उपेक्षितों के हितैषी बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान के कारवां को सत्ता की मंज़िल तक पहुंचाने के मिशन में तत्पर बी.एस.पी. में कार्यरत लोगों के आने-जाने में कुछ भी निजी नहीं बल्कि यह पार्टी व मूवमेन्ट के हित पर पूर्णतः निर्भर।

साथ ही, विरोधी पार्टियों के षड्यन्त्र के तहत् पार्टी के कुछ लोग, उनके बहकावे में आकर जब अपनी ख़ुद की पार्टी को कमज़ोर करने में लग जाते हैं, या फिर पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने व परिपक्वता के साथ कार्य ना करने के कारण तब उन्हें मजबूरी में, पार्टी हित में निकालना पड़ता है।

उन्होंने आगे कहा, किन्तु जल्दी ही उनके समझ में आने व गलती का अहसास करने के बाद जब उन्हें पार्टी में वापस ले लिया जाता है, तो तब फिर कांग्रेस, बीजेपी व अन्य विरोधी पार्टियाँ इसे आया राम व गया राम की संज्ञा देकर, पार्टी की छवि को धूमिल करने की पूरी-पूरी कोशिश करती हैं।

और जब यही कार्य विरोधी पार्टीयां करती हैं तब उसे वे पार्टी हित का मामला कहकर टाल देती हैं, लेकिन बीएसपी के मामले में इसे ये किस्म-किस्म की संज्ञा देकर इस पार्टी की छवि को ख़राब करने की कोशिश करती हैं। यह सब इनका दोहरा मापदण्ड नहीं है तो और क्या है? पार्टी के लोग सतर्क रहें।

पढ़ें :- अखिलेश यादव, बोले- मनरेगा योजना खत्म करना चाहती है भाजपा, जिनके अंदर आत्मा नहीं है वो न तो महात्मा में विश्वास करते हैं, न परमात्मा में...

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...