बसंत पंचमी का दिन शिशुओं को अक्षर ज्ञान कराने, मांगलिक कार्य और खरीदारी जैसे कार्यों के लिए अत्यन्त शुभ माना जाता है। इस दिन शिक्षा और कला से जुड़े लोग और छात्र मां सरस्वती की विधिवत आराधना करते है।
विद्या अध्ययन की शुरुआत के लिए वसंच पंचमी का दिन बहुत शुभ माना जाता है। प्राचीन काल में वसंत पंचमी के दिन बच्चों की आरंभ करने के लिए इस दिन पाटी पूजन किया जाता था। इस दिन विद्यार्थी वर्ग मां सरस्वती का पूजा-अर्चना करें, जिससे देवी की कृपा बनी रहे और आने वाली परीक्षा में परिणाम अच्छा मिले।
लकड़ी के पाटी या पेपर पर बालक/बालिका से कुमकुम से स्वास्तिक बनवाएं और उस पर अक्षत रखें।
मां सरस्वती के चित्र पर भी तिलक लगाएं और उन्हें नैवेद्य का भोग लगवाएं, पूजा अर्चना करें।
मांगलिक बिना सोच विचार के कराए जा सकते हैं
मांगलिक कार्यों के लिए बसंत पंचमी का दिन बहुत ही अच्छा माना जाता है। दोषरहित श्रेष्ठ योग बनने के कारण इस दिन वैवाहिक परिणय यानी विवाह, सगाई, ग्रह प्रवेश, भूमि पूजन आदि तरह के धार्मिक और मांगलिक बिना सोच विचार के कराए जा सकते हैं। जो लोग इस दिन शुभ दिन में विवाह करते हैं, उनका प्रेम अटूट और रिश्ता सात जन्मों के लिए जुड़ जाता है।