पीले रंग का यह खूबसूरत फूल सिर्फ पूजा में ही नहीं बल्कि आयुर्वेद में जड़ी बूटियां बनाने और शरीर की तमाम समस्याओं से छुटकारा दिलाने के काम भी आता है। अगर किसी को रुक रुक कर बुखार आ रहा हो तो पीला कनेर का फूल इसमें आराम पहुंचा सकता है।
Benefits of Kaner flower: पीले रंग का यह खूबसूरत फूल सिर्फ पूजा में ही नहीं बल्कि आयुर्वेद में जड़ी बूटियां बनाने और शरीर की तमाम समस्याओं से छुटकारा दिलाने के काम भी आता है। अगर किसी को रुक रुक कर बुखार आ रहा हो तो पीला कनेर का फूल इसमें आराम पहुंचा सकता है।
पीले कनेर के फूल का काढा बनाकर पीने से राहत मिल सकती है। इतना ही नहीं अगर कब्ज की दिक्कत है तो पीला कनेर इसे दूर कर सकता है। पीले कनेर के पत्तों और छा का काढ़ा बनाकर पीना फायदेमंद हो सकता है।
त्वचा संबंधित कई समस्या को दूर करने में पीला कनेर बेहद उपयोगी है। बता दें कि जो लोग मस्से या दाग धब्बों से परेशान हैं वे पीले कनेर की छाल से बना पेस्ट अपनी त्वचा का पर लगा सकते हैं। बता दें कि यह पेस्ट दाद की समस्या से भी छुटकारा दिला सकता है।
वहीं पीरियड में भी पीला कनेर लाभदायत होकता है। पीला कनेर पीरियड में होने वाले दर्द और बेचैनी से राहत दिलाने के लिए आप पीले कनेर के फूलों का इस्तेमाल काढ़े के रूप में कर सकते हैं।
जिन लोगों को मलेरिया हो गया है वे पीले कनेर के उपयोग से अपनी समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा मिर्गी से परेशान लोग भी पीले कनेर से अपनी समस्या में राहत पहुंचा सकते हैं। लेकिन हर शरीर की तासीर अलग होती है ऐसे में ये लोग इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
पर ध्यान रहे पीले कनेर का इस्तेमाल के कई साइड इफेक्ट भी होते हैं । इसलिए पीले कनेर का सेवन करने से पहले इसकी सही खुराक का पता होना जरूरी है। अगर इसकी अधिकता ज्यादा हो जाए तो व्यक्ति को उल्टी, डायरिया, सिर में दर्द, पेट में दर्द, जी मचलाने की समस्या, गंभीर दिल की समस्या, कमजोरी आदि समस्या हो सकती है। ऐसे में सही मात्रा का ज्ञान होना जरूरी है।
ऐसे करें पीले कनेर का इस्तेमाल
पीली कनेर का उपयोग फूल के अलावा छाल और जड़ के रूप में भी किया जाता है। ऐसे में आप फूल के अलावा छाल और जड़ों को पीसकर भी इसका उपयोग त्वचा, घाव आदि पर लगा सकते हैं। इसके लावा इसका उपयोग काढ़े के रूप में किया जाता है।