लखनऊ/औरैया। कोई समाज तब तक स्वावलंबी व सशक्त नहीं हो सकता, जब तक समाज में आधी आबादी सुरक्षित व सम्मान के साथ जीवनयापन न कर रही हो। इसे ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पूरी प्राथमिकता के साथ नई संसद का पहला सत्र मातृशक्ति को समर्पित