इस साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 30 मार्च 2025 को है। आज ही के दिन श्री ब्रह्मा जी ने सृष्टि के साथ जीव जगत की रचना की थी। आज के दिन को हर सनातनी धर्मी महोत्सव के रूप में मानता है। आज के दिन जो वार पड़े। उसी वार को वर्ष का राजा माना जाता है।
इस साल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 30 मार्च 2025 को है। आज ही के दिन श्री ब्रह्मा जी ने सृष्टि के साथ जीव जगत की रचना की थी। आज के दिन को हर सनातनी धर्मी महोत्सव के रूप में मानता है। आज के दिन जो वार पड़े। उसी वार को वर्ष का राजा माना जाता है।
इस प्रकार रवि अर्थात सूर्य वर्ष के राजा हुए। चैत्र नवरात्र का पवित्र पर्व भी आज से आरंभ होगा। कलश स्थापना प्रतिपदा तिथि पर्यात मध्यान में 02 बजकर 14 मिनट तक किया जाएगा।
चैत्र नवरात्र में भगवती के साथ गौरी का भी दर्शन पूजन प्रतिदिन क्रमाअनुसार किया जाएगा। चैती छठ 3 अप्रैल दिन गुरुवार को मनाई जाएगी एवं इसको भी डाला छठ के विधान के अनुसार ही मनाया जाएगा। महा अष्टमी का व्रत 05 अप्रैल दिन शनिवार को होगा।
घर-घर की जाने वाली नवमी की पूजा भी 05 अप्रैल शनिवार को की जाएगी। महानवमी का व्रत 6 अप्रैल दिन रविवार को होगा नवरात्र की समाप्ति से संबंधित हवन पूजा नवमी तिथि यानी 6 अप्रैल रविवार को रात्रि 11 बजकर 13 मिनट तक किया जाएगा। रामावतार का महानपर्व श्री रामनवमी सनातनियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, और इसका मान भी 6 अप्रैल दिन रविवार को होगा। पूर्ण नवरात्रि व्रत की पारण दशमी तिथि में प्रातः 7 अप्रैल दिन सोमवार को की जाएगी। कामदा एकादशी व्रत का मान सबके लिए 8 अप्रैल दिन मंगलवार को होगा।
आचार्य रत्नाकर तिवारी
ज्योतिषरत्न एवं वास्तुरत्न विशेषज्ञ