हिंदू धर्म में चैत्र रामनवमी को बहुत पुनीत माना जाता है। भगवान श्रीराम के जन्मदिवस चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी का पर्व देशभर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
Chaitra Ramnavami Rare Coincidence 2025 : हिंदू धर्म में चैत्र रामनवमी को बहुत पुनीत माना जाता है। भगवान श्रीराम के जन्मदिवस चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को रामनवमी का पर्व देशभर में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान राम का जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। भगवान राम को विष्णु भगवान का सातवां अवतार माना जाता है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं, और रामचरितमानस का पाठ करते हैं। अयोध्या में रामनवमी का विशेष महत्व है, जहाँ भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन देश भर के मंदिरों से रथ यात्राएं और भगवान श्रीराम, उनकी पत्नी सीता, भाई लक्ष्मण व भक्त हनुमान की झांकियां भी निकाली जाती हैं। इस नवमी पर पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है। इसके अलावा मालव्य राजयोग, सर्वार्थ सिद्धि सुलक्ष्मी योग व बुधादित्य राजयोग का भी निर्माण हो रहा है। मान्यता है कि इन दुर्लभ संयोग पर कुछ उपायों को करने से क़िस्मत चमक सकती है।
राम नवमी कब है?
इस बार राम नवमी 5 अप्रैल की शाम 7 बजकर २७ मिनट से शुरू होगी और 6 अप्रैल को शाम 7 बजकर 24 मिनट पर समाप्त होगी। इस तरह उदयातिथि की मान्यता के अनुसार राम नवमी 6 अप्रैल को मनाई जाएगी।
चैत्र रामनवमी दुर्लभ संयोग 2025
रवि पुष्य योग
समय: 6 अप्रैल सुबह 6:18 बजे से 7 अप्रैल सुबह 6:17 बजे तक
इस योग में किया गया कोई भी कार्य कभी विफल नहीं होता। शास्त्रों के अनुसार यह खरीदारी, नया व्यापार शुरू करने और मंत्र सिद्धि के लिए सर्वोत्तम होता है।
सर्वार्थ सिद्धि योग
समय: 6 अप्रैल को पूरे दिन
यह योग सभी प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला माना जाता है। कोई भी शुभ कार्य इस दिन किया जाए, वह सफल और फलदायी होता है।
सुकर्मा योग
समय: 6 अप्रैल को सुबह से शाम 6:55 बजे तक
यह योग कर्म और परिणाम को जोड़ता है। यानी मेहनत करने वाले को उसका फल जरूर मिलता है. इस दिन पढ़ाई, नौकरी, धन निवेश या संकल्प लेना विशेष फल देता है।
चमत्कारी उपाय
बालकांड का पाठ
बालकांड का पाठ करना राम नवमी के दिन सुबह के समय स्नान करने के बाद भगवान श्रीराम की विधि-विधान से पूजा करते हैं। इसके बाद उनके श्रृंगार व आरती करने के बाद उनके समक्ष घी का दीपक जलाएं। इसके बाद वहां बैठकर रामचरितमानस के बालकांड का पाठ करें। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी ।
चने की दाल व गुड़ का दान
राम नवमी के दिन राम मंदिर में जाकर सवा किलो चने की दाल व गुड़ का दान करना चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से भगवान राम ख़ुश होते हैं और यही नहीं श्रृध्दाभाव के साथ पूजा करने से मनचाहा सफलता मिल सकती है।
तुलसी माला
तुलसी माला करें अर्पित विष्णु के अवतार भगवान राम को तुलसी बहुत प्रिय लगती है। ऐसे में अगर राम नवमी के दिन श्रीराम को तुलसी के 108 पत्तों पर राम लिखकर उसकी माला अर्पित करें तो इससे आपकी सारी मनोकामना पूरी होती है।