मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि, मुझे पता है कि आरजी कर में जाकर CPM और भाजपा ने तोड़फोड़ की। रात में 12-1 बजे वे गए, वीडियो में दिख रहा है कि CPM ने DYFI का झंडा लिया है और भाजपा ने राष्ट्रीय झंडा लिया है। राष्ट्रीय ध्वज हर जगह इस्तेमाल नहीं किया जाता, उसका एक कोड होता है। इन्होंने उसका गलत इस्तेमाल किया है, उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हुई हत्या को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। भाजपा समेत अन्य विपक्षी दल इस घटना को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार को घेरने में जुट गयी है। उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में महिला डॉक्टर को इंसाफ के लिए मार्च निकाला। उन्होंने कहा कि, हम चाहते हैं कि सच सामने आए लेकिन लोगों को गुमराह करने के लिए झूठ फैलाया जा रहा है। महिला डॉक्टर की मौत के खिलाफ प्रदर्शन पर ममता ने कहा, वामपंथियों और भाजपा के गठजोड़ का पर्दाफाश होना चाहिए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कोलकाता में मौलाली से डोरीना चौराहे तक एक विरोध रैली का नेतृत्व किया, जिसमें कोलकाता की महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की गई। ममता बनर्जी के साथ आए तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और सांसदों ने आरोपी को मृत्युदंड देने की मांग करते हुए नारे लगाए। इस रैली में ममता बनर्जी के साथ हजारों की संख्या में लोग शामिल थे। इस रैली से पहले ममता सीबीआई को जल्द जांच पूरी करने और आरोपी को फांसी देने का अल्टीमेटम दे चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि, मुझे पता है कि आरजी कर में जाकर CPM और भाजपा ने तोड़फोड़ की। रात में 12-1 बजे वे गए, वीडियो में दिख रहा है कि CPM ने DYFI का झंडा लिया है और भाजपा ने राष्ट्रीय झंडा लिया है। राष्ट्रीय ध्वज हर जगह इस्तेमाल नहीं किया जाता, उसका एक कोड होता है। इन्होंने उसका गलत इस्तेमाल किया है, उन्हें सज़ा मिलनी चाहिए।
इसके साथ ही कहा, मणिपुर में जब घटना हुई थी तब BJP और CPM ने कितनी टीमें भेजी थी? हाथरस, उन्नाव में कितनी टीमें भेजी थी? मुझे चाहे जो बोल लें मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा, मैं जब तक रहूंगी लोगों के लिए काम करूंगी। CPM और भाजपा मुझे धमकी न दें, हम बिना चुनाव लड़े नहीं आए हैं।
बता दें कि, पश्चिम बंगाल की इस घटना को लेकर देशभर में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है। इसके साथ ही विपक्षी दल भी इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए ममता बनर्जी सरकार को घेर रहे हैं।