भाद्रपद माह में श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय पर्व जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया जाता है। दही हांडी का त्योहार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है।
Dahi Handi 2025 : भाद्रपद माह में श्रीकृष्ण का सबसे प्रिय पर्व जन्माष्टमी धूमधाम से मनाया जाता है। दही हांडी का त्योहार भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। ये त्योहार द्वापर युग से कलयुग तक धूमधाम से मनाया जा रहा है। दही हांडी भगवान श्रीकृष्ण कान्हा की बचपन की लीलाओं प्रतीक पर्व है। इस पर्व को मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गोवा में किया जाता है।मथुरा, वृंदावन और गोकुल में इसकी अलग धूम देखने को मिलती है। दही-हांडी का आयोजन कृष्ण जन्माष्टमी के अगले दिन किया जाता है। कृष्ण जन्माष्टमी गोकुलाष्टमी के नाम से भी प्रसिद्ध है। हाण्डी मिट्टी से बने एक गोल पात्र को कहते हैं। प्राचीन भारत में हाण्डी का उपयोग दूध को रखने व दूध के विभिन्न उत्पादों के निर्माण कार्य में किया जाता था। महाराष्ट्र में दही-हांडी उत्सव को गोपालकाला के नाम से भी जाना जाता है।
इस साल साल दही हांडी 16 अगस्त 2025 को है। वहीं जन्माष्टमी का त्योहार 15 अगस्त को मनाया जाएगा। ।
दही हांडी के दौरान गोविंदाओं की टोली ऊंचाई पर बंधी दही से भरी मटकी फोड़ने की कोशिश करती है।
इसमें युवक और युवतियों की टोली एक पिरामिड बनाती है और फिर दही तक पहुंचने का प्रयास किया जाता है। दही मिट्टी के बर्तन पर ऊंची जगह टांगा जाता है। दही हांडी उत्सव के दौरान, कृष्ण के भजन गाए जाते हैं और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
मुम्बई में दही-हाण्डी का उत्सव एक प्रतिस्पर्धात्मक खेल के रूप में उभर रहा है। प्रति वर्ष युवाओं की सैकड़ों टोलियाँ दही-हाण्डी प्रतिस्पर्धा में भाग लेती हैं। उत्सव का प्रचार करने के लिये लोकप्रिय हस्तियों को आमन्त्रित किया जाता है। हाल के वर्षों में दही-हाण्डी प्रतियोगिता की पुरस्कार राशि 1 करोड़ भारतीय रुपयों तक पहुँच चुकी है।