आजकल हर कोई किसी न किसी रूप से दुखी है और सुखी होने के उपायों को पूछते रहते है। यहां कुछ ऐेसे उपाय बताने जा रहे है और जिन्हें आजमा लिए जाए तो निश्चित ही जीवन सुखी हो सकता है।
जो लोग कर्ज के कारण दैनिक आवश्यकता की पूर्ति के लिए भी परेशान हैं उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके अंगारक महाभाग भगवन् भक्तवत्सल त्वां नमामि ममाशेषम् ऋणमाशु विनाशय मंत्र के साथ भगवान शिव के उपर शमी पत्र चढ़ाएंं।
देह जनित गंभीर पीड़ा राहु की ही देन होती है। 6,8,12 भाव मे राहु जातक को जल्दी बीमारी से पनपने नहीं देता,भोले नाथ की पूजा इसका बहुत ही सुगम और राहु की पीड़ा दूर करने के लिए उत्तम है। जब शनि ग्रह अष्टम भाव में हो और जातक को धन,कुटुंब सुख से पीड़ित कर रहा हो,महादेव के समीप घी का दीपक जलाकर महादेव को राम नाम जरूर सुनाए,एक नई ऊर्जा के साथ जीवन में खुशियों का आलिंगन तय।
मंगल का संबंध भूमि और अपने खून से होता है भूमि का दोष मंगल खराब करता है। नित्य गुड़हल के फूल की माला हनुमान जी को चढ़ाए मंगल अमंगल नहीं करेगा। वैवाहिक जीवन की विसंगतियों से बचने के लिए जातक गाय को देखकर मन ही मन प्रणाम जरूर करे, गाय न मिले तो एक ऐसा चित्र जिसमें गाय अपने बच्चे के साथ में हो दर्शन कर लें। शनि पुरातन के कारक हैं। गोचर में जब भी शनि का संबंध आपकी राशि से पड़ने वाले द्वादश भाव से बनेगा , पूर्व में किया गया कोई भी गलत कार्य जोकि अभी तक छिपा है , निस्संदेह सामने आयेगा।