मोस्टली जानते हैं की शुगर केवल मीठा खाने से बढ़ता है । इसलिए जब कोई व्यक्ति मीठा खाना छोड़ देता है और फिर भी उसका शुगर लेवल हाई रहता हैतो ये चिंता का कारण बन जाता है। इस स्थिति में हमे ये जानना जरूरी है कि डायबिटीज कंट्रोल न होने के पीछे और भी कई कारण जिम्मेदार हैं। सिर्फ मीठा छोड़ने से या समय से दवाएं लेना शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए काफी नहीं है। इनके अलावा और भी कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है। आइए जानें और किन वजहों (Reasons of Uncontrolled Diabetes) से ब्लड शुगर लेवल हाई हो सकता है।
मोस्टली जानते हैं की शुगर केवल मीठा खाने से बढ़ता है । इसलिए जब कोई व्यक्ति मीठा खाना छोड़ देता है और फिर भी उसका शुगर लेवल हाई रहता हैतो ये चिंता का कारण बन जाता है। इस स्थिति में हमे ये जानना जरूरी है कि डायबिटीज कंट्रोल न होने के पीछे और भी कई कारण जिम्मेदार हैं। सिर्फ मीठा छोड़ने से या समय से दवाएं लेना शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए काफी नहीं है। इनके अलावा और भी कुछ बातों पर ध्यान देना जरूरी है। आइए जानें और किन वजहों (Reasons of Uncontrolled Diabetes) से ब्लड शुगर लेवल हाई हो सकता है।
ज्यादा कार्बोहाइड्रेट्स वाला खाना
मीठा न खाने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि आपके शरीर में शुगर की मात्रा नहीं बढ़ेगी। कार्बोहाइड्रेट शरीर में जाकर ग्लूकोज में बदल जाते हैं। ऐसे में अगर आप मीठा छोड़कर भी रोटी, चावल, आलू, पास्ता, ब्रेड, नूडल्स या प्रोसेस्ड स्नैक्स जैसी चीजें ज्यादा मात्रा में खाते हैं, तो यह आपके ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ा सकते हैं।
हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला खाना
कुछ फूड्स ऐसे होते हैं जो बिना मीठे होने के भी ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ाते हैं। इन्हें हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड कहा जाता है। उदाहरण के लिए, सफेद ब्रेड, व्हाइट राइस, आलू, तरबूज और कॉर्नफ्लेक्स जैसे फूड्स तेजी से पचते हैं और शरीर में शुगर की मात्रा एकदम से बढ़ा देते हैं। वहीं, दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और नट्स जैसे लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड्स धीरे-धीरे पचते हैं और शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
फिजिकल एक्टिविटी कम करना
फिजिकल एक्टिविटी की कमी इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ा देती है। इंसुलिन सेल्स को ब्लड शुगर को एनर्जी में बदलने के लिए जरूरी है। जब आप शारीरिक रूप से एक्टिव नहीं होते, तो आपकी मांसपेशियों को एनर्जी की जरूरत कम होती है और इंसुलिन सेंसिटिविटी कम हो जाती हैं। इसका सीधा सा मतलब है कि शुगर सेल्स में प्रवेश नहीं कर पाता और खून में ही जमा रह जाती है।
ज्यादा स्ट्रेस लेना
तनाव और ब्लड शुगर का गहरा संबंध है। जब आप तनाव में होते हैं, तो आपका शरीर ‘कोर्टिसोल’ और ‘एड्रेनालाईन’ जैसे हार्मोन रिलीज करता है। ये हार्मोन शरीर को “फाइट ऑर फ्लाइट” मोड में ले आते हैं, जिसके कारण लिवर में जमा ग्लूकोज खून में रिलीज होता है, ताकि तुरंत एनर्जी मिल सके। अगर यह तनाव लंबे समय तक बना रहता है, तो ब्लड शुगर का स्तर लगातार हाई रहने लगता है।