Economic Survey 2025: आज यानी 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत होगी। जिसके बाद लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश करेंगी। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन की निगरानी में आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा तैयार सर्वे रिपोर्ट के जरिए मोदी सरकार चालू वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा पेश करेगी। साथ ही सरकार भविष्य की अपनी योजनाओं एवं प्राथमिकताओं के बारे में भी जानकारी दे सकती है।
Economic Survey 2025: आज यानी 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से बजट सत्र की शुरुआत होगी। जिसके बाद लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश करेंगी। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन की निगरानी में आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा तैयार सर्वे रिपोर्ट के जरिए मोदी सरकार चालू वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा पेश करेगी। साथ ही सरकार भविष्य की अपनी योजनाओं एवं प्राथमिकताओं के बारे में भी जानकारी दे सकती है।
जानकारी के अनुसार, संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से चार अप्रैल तक दो चरणों में आयोजित किया जाएगा। सत्र का पहला भाग 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होगा। बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार सुबह 11 बजे लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey 2024-25) निचले सदन में दोपहर करीब 1 बजे पेश कर सकती हैं, जबकि इसे राज्यसभा में 2 बजे पेश किए जाने की संभावना है। वहीं, मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन आर्थिक सर्वे तैयार करने वाली अपनी टीम के साथ दोपहर 02.30 बजे नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे।
इकोनॉमिक सर्वे (Economic Survey 2024-25) एक तरह से मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड होगा, जिसके जरिए सरकार देश की वित्तीय स्थिति से लेकर रोजगार, महंगाई, योजनागत खर्च और आर्थिक विकास से जुड़े आंकड़ों को भी पेश करेगी। सर्वे तीन हिस्सों में कार्यों और उपलब्धियों प्रस्तुत करता है। जिसके प्रारंभिक क्षेत्र के तौर पर कृषि और उससे जुड़े अन्य क्षेत्र में हुए कार्यों एवं योजनाओं पर हुए खर्च का आंकड़ा जारी किया जाता है। द्वितीय क्षेत्र के तौर पर विनिर्माण क्षेत्र में आने वाले कार्यों के आंकड़ों को पेश किया जाता है। सर्विस क्षेत्र का नंबर आता है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी से लेकर लॉजिस्टिक तक की सेवाएं शामिल हैं। सरकार रोजगार से लेकर अन्य कार्यों को भी अपने इकोनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में पेश कर सकती है। भविष्य में आर्थिक विकास दर के अनुमान, राजकोषीय घाटे की स्थिति और आधारभूत ढांचे से जुड़ी भविष्य की योजना की भी जानकारी इसमें शामिल हो सकती है।