Good news for General Coach Passengers of Railways: भारत में ट्रेन यातायात के सबसे बड़े संसाधन में से एक है, जिससे प्रति दिन करीब 2 करोड़ यात्री सफर करते हैं। वहीं, त्योहारों के सीजन में ट्रेन यात्रियों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाती है। जिसके बाद कंफर्म टिकट आसानी से नहीं मिल पाता और 120 दिन पहले बुकिंग शुरू होते ही वेटिंग चालू हो जाती है। ऐसे में यात्रियों को मजबूरन जनरल कोच यानि अनरिजर्व कोचों में सफर करना पड़ता है, जहां परिवार के साथ सफर करना बेहद मुश्किल है।
Good news for General Coach Passengers of Railways: भारत में ट्रेन यातायात के सबसे बड़े संसाधन में से एक है, जिससे प्रति दिन करीब 2 करोड़ यात्री सफर करते हैं। वहीं, त्योहारों के सीजन में ट्रेन यात्रियों की संख्या लगभग दोगुनी हो जाती है। जिसके बाद कंफर्म टिकट आसानी से नहीं मिल पाता और 120 दिन पहले बुकिंग शुरू होते ही वेटिंग चालू हो जाती है। ऐसे में यात्रियों को मजबूरन जनरल कोच यानि अनरिजर्व कोचों में सफर करना पड़ता है, जहां परिवार के साथ सफर करना बेहद मुश्किल है।
दरअसल, ट्रेन की सेकंड एसी के एक कोच में 46 से 54 बर्थ होती हैं। थर्ड एसी के एक कोच में 64 से 72 बर्थ होती हैं। जबकि बिना एसी वाले स्लीपर कोच में 72 बर्थ होती हैं, इन कोचों में सीटें रिजर्व होती है। यानी जिन यात्रियों के टिकट कंफर्म होते हैं, वहीं इनमें सफर का सकते हैं। सामान्य सीजन में करीब 10 फीसदी यानी 20 लाख लोग रिजर्वेशन कराकर यात्रा करते हैं। त्योहारों व शादियों के सीजन में सफर करने वालों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। हालांकि, जनरल कोच फुल होने पर यात्रियों की संख्या 250 के आसपास रहती है। ऐसे में जनरल कोच में सफर करने वाले यात्रियों को राहत देने के लिए रेलवे इन कोचों में एसी लगाने की प्लानिंग कर रहा है। जिसके लिए रेलवे काफी समय पहले से जद्दोजहद में लगा था।
नमो भारत रैपिड रेल वाला फार्मूला होगा इस्तेमाल
हाल ही में गुजरात के भुज से अहमदाबाद के बीच नमो भारत रैपिड रेल का संचालन शुरू हुआ है। जिसमें अधिकतम 270 यात्रियों की क्षमता के अनुसार एक्सेल लोड रखा गया है, और 15-15 टन के एसी लगाए गए हैं, ताकि फुल क्षमता होने पर भी कोच पूरी तरह से ठंडा रहे। जैसा मेट्रो ट्रेन में अभी तक देखने को मिलता रहा है। रेलवे के अधिकारियों के अनुसार, नमो भारत रैपिड रेल में ऐसे कोचों का ट्रायल किया जा रहा है, भविष्य इसी कंसेप्ट पर अनरिजर्व कोच तैयार कराए जाएंगे। वर्तमान समय में शताब्दी,राजधानी जैसी प्रीमियम ट्रेनों में आठ-आठ टन के दो एसी प्रत्येक कोच में लगे होते हैं, लेकिन अनरिजर्व कोच में 15-15 टन के दो एसी एक कोच में लगाए जाएंगे। जिससे कोच पूरी तरह से ठंडा रहे।