पहलगाम आतंकी हमले में हमारे बेगुनाह लोगों की जान गई, देश क्रोधित हुआ। सरकार ने सेना को कार्रवाई की खुली छूट दी। कांग्रेस भी हर कदम पर सरकार के साथ खड़ी रही। हमारी सेना ने आतंकी ठिकानों को तबाह किया, लेकिन फिर जिस तरह से ट्रंप का ट्वीट आया, उससे हम सभी अचंभित हैं। इससे हम सभी के मन में बहुत सारे सवाल खड़े हुए हैं। क्या हमने ट्रंप के बयान से मध्यस्थता स्वीकार कर ली?
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने सोमवार को प्रेस कॉफ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि, पहलगाम आतंकी हमले के बाद हमारी वीर सेना ने संकल्प और साहस के साथ दुश्मनों को जिस तरह से मुंहतोड़ जवाब दिया, वह पूरे राष्ट्र के लिए गर्व का पल था। हमारे जवानों ने अनेक युद्धों में भारत की अखंडता को बचाया। 1971 के बाद इंदिरा गांधी जी ने दुनिया को दिखा दिया था कि भारत किसी के सामने झुकने वाला नहीं है। आज भी हमारी सेना उसी जज़्बे के साथ सीमा पर डटी हुई है। कांग्रेस पार्टी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
उन्होंने आगे कहा, जब भी देश पर संकट आया, कांग्रेस पार्टी ने राजनीति को पीछे रखा और देशहित को प्रथम स्थान दिया। 1965 में लाल बहादुर शास्त्री जी ने ‘जय जवान-जय किसान’ का नारा देकर देश को एक सूत्र में बांधा। 1971 में इंदिरा गांधी जी ने अमेरिका के दबाव को ठुकराकर पाकिस्तान को धूल चटा दी। आज भी हमारा वही संकल्प है। आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में राजनीति नहीं राष्ट्रवाद चाहिए। हमने उनसे सीखा है कि दुश्मन से बातचीत की मेज पर बैठें तो कमजोरी नहीं ताकत दिखाएं। 1971 में हमने पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों को घुटने पर ला दिया था, लेकिन आज सरकार से पूछा जाए कि क्या अमेरिका के दबाव में हमने अपनी नीति बदल दी है?
भूपेश बघेल ने कहा, इस संकट की घड़ी में कांग्रेस ने अपने राजनीतिक कार्यक्रम रद्द किए। ‘संविधान बचाओ रैली’ जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम को स्थगित किया ताकि देश में एकजुटता का संदेश जाए। हमने ‘जय हिंद यात्रा’ निकाली ताकि सेना का मनोबल बढ़े और जनता आतंकवाद के ख़िलाफ़ एकजुट हो। हमने सरकार से कहा कि कितना भी बड़ा संकट आए, कांग्रेस आपके साथ है। लेकिन जब पूरा देश सेना के साथ खड़ा था तो… BJP के नेता ट्विटर पर BJP और UPA की तुलना कर इसे राजनीति का रंग दे रहे थे। BJP के नेता सेना की बहादुरी को अपनी उपलब्धि बता रहे थे। सवाल है- क्या सेना के बलिदान को चुनावी बयानबाजी में इस्तेमाल करना उचित है? एक BJP नेता ने ट्वीट किया कि कांग्रेस के समय आतंकियों को माफी दी जाती थी और नरेंद्र मोदी ने सबक सिखाया- यह झूठ है। हमारा स्पष्ट संदेश रहा है कि भारत की एकता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक तरफ- कांग्रेस पार्टी ने पूरे देश में ‘जय हिंद यात्रा’ निकाली, जो सशस्त्र बलों के पराक्रम को सलाम करने और आतंकी हमले के पीड़ितों के प्रति श्रद्धांजलि देने की मुहिम थी। दूसरी तरफ- BJP राष्ट्र संकट वाली स्थिति में भी राजनीति करती रही, लेकिन कांग्रेस पार्टी सरकार के साथ खड़ी रही, क्योंकि हम देशहित की बात करते हैं।
उन्होंने आगे कहा, हम सरकार से पारदर्शिता की मांग करते हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति ने अचानक सीजफायर की घोषणा की, क्या यह भारत सरकार की कूटनीतिक नाकामी नहीं है? क्या भारत ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप को स्वीकार कर लिया है? हमने सीजफायर में पाकिस्तान से क्या वादे लिए हैं, देश के लोगों को यह भी जानने का हक है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पत्र लिखकर नरेंद्र मोदी से संसद के विशेष सत्र की मांग की है, जिसमें सभी दलों को बताया जाए कि युद्ध विराम की क्या शर्ते हैं?
पहलगाम आतंकी हमले में हमारे बेगुनाह लोगों की जान गई, देश क्रोधित हुआ। सरकार ने सेना को कार्रवाई की खुली छूट दी। कांग्रेस भी हर कदम पर सरकार के साथ खड़ी रही। हमारी सेना ने आतंकी ठिकानों को तबाह किया, लेकिन फिर जिस तरह से ट्रंप का ट्वीट आया, उससे हम सभी अचंभित हैं। इससे हम सभी के मन में बहुत सारे सवाल खड़े हुए हैं। क्या हमने ट्रंप के बयान से मध्यस्थता स्वीकार कर ली? क्या शिमला समझौता अब रद्द हो गया? ऐसे बहुत सारे सवाल हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकार एक सर्वदलीय बैठक और संसद का विशेष सत्र बुलाए ताकि सारी स्थिति साफ हो सके।