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Baba Bageshwar के विवादित बयानों से आहत महिलाओं ने खोला मोर्चा, बोलीं- मांगें माफी, स्वत: संज्ञान ले महिला आयोग

दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में भागवत कथा (Bhagwat Katha) कर बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री (Baba Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham) भले ही चले गए हैं, लेकिन विवादों का पिटारा यहीं छोड़ गए हैं। ग्रेटर नोएडा में आयोजित कथा के दौरान उन्होंने महिलाओं पर जो टिप्पणी की उसको लेकर अब देश के अलग-अलग हिस्सों में विवाद शुरू हो गया है।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में भागवत कथा (Bhagwat Katha) कर बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री (Baba Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham) भले ही चले गए हैं, लेकिन विवादों का पिटारा यहीं छोड़ गए हैं। ग्रेटर नोएडा में आयोजित कथा के दौरान उन्होंने महिलाओं पर जो टिप्पणी की उसको लेकर अब देश के अलग-अलग हिस्सों में विवाद शुरू हो गया है। राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Krishna Shastri) पर निशाना साधा है। तो उनका बचाव करने के लिए उनके फॉलोअर भी मैदान में कूद गए हैं। वहीं महिला संगठनों ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) के इस बयान पर आपत्ति दर्ज करते हुए महिला आयोग (Women’s Commission) से संज्ञान लेने की बात कही है।

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महिला आयोग ले स्वत: संज्ञान

ग्रेटर नोएडा के जैतपुर में आयोजित भागवत कथा के दौरान बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri)  ने महिलाओं की मांग में भरे जाने वाले सिंदूर और गले में पहने जाने वाले मंगलसूत्र को लेकर टिप्पणी की थी। उसके बाद से ही धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri)  के इस बयान को लेकर विवाद उठना शुरू हो गया। अखिल भारतीय वर्किंग वूमेन एसोसिएशन से जुड़ी सुमित्रा चटर्जी ने कहा कि महिलाओं को लेकर इस तरीके से की जाने वाली भाषा पर आखिर विराम कब लगेगा? वह कहती हैं कि बागेश्वर धाम ने जिस तरीके से महिलाओं को सिंदूर और मंगलसूत्र पहनने पर खाली प्लॉट बता दिया, उससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है? चटर्जी ने कहा कि महिला आयोग को इस पूरे मामले में स्वतः संज्ञान लेकर जांच करनी चाहिए। इसी एसोसिएशन से जुड़ीं तानिया अबरोल का कहना है कि सबकी अपनी-अपनी मर्जी है। अगर शादीशुदा महिला मांग में सिंदूर और गले में मंगलसूत्र नहीं पहनती है, तो बागेश्वर धाम के मुताबिक वह खाली प्लाट कहलाएगी। तानिया का कहना है या कितनी शर्मनाक बात है?

सियासी लोग भी कूद पड़े मैदान में

ग्रेटर नोएडा के जैतपुर में बागेश्वर धाम की ओर से दिए गए विवादित बयान पर सियासी दल भी कूद पड़े हैं। बिहार के नेता और पूर्व सांसद पप्पू यादव (Former MP Pappu Yadav) ने बागेश्वर धाम की महिलाओं के लिए की गई टिप्पणी पर सख्त नाराजगी और एतराज जताया है। पप्पू यादव ने कहा कि जिस तरीके से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri)  ने महिलाओं के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया है वह अशोभनीय है। पप्पू यादव ही नहीं, बल्कि कांग्रेस  नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन (Congress leader Acharya Pramod Krishnan) ने भी बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri) के महिलाओं को लेकर दिए गए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज की है। आचार्य प्रमोद कृष्णन (Congress leader Acharya Pramod Krishnan)  ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं को खाली प्लाट बताने वाले बाबा वही हैं, जो रोज हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि जिस राष्ट्र में महिलाओं को पूजनीय बताया गया हो उस देश में ऐसी भाषा का प्रयोग करना सर्वथा अनुचित है। तृणमूल कांग्रेस की नेता सौम्या बनर्जी (Trinamool Congress leader Soumya Banerjee) ने कहा ​कि महिलाओं को लेकर दिए गए ऐसे बयान न सिर्फ बेतुके हैं, बल्कि लाखों अनुयाइयों वाले किसी संत की ओर से ऐसा कहा जाना अनुचित भी है।

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पंडित शास्त्री के अनुयायियों ने किया बचाव

जिस तरह से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर लगातार हमला बोला जा रहा है, उसे लेकर उनके अनुयायी भी अब उनके साथ खड़े हो गए हैं। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के अनुयायी और दिल्ली में आयोजन कराने वाली समिति से जुड़े जय प्रकाश गोयल ने कहा कि बागेश्वर धाम की ओर से जो कथा में कहा गया उसके भाव को समझना चाहिए। कहते हैं कि बागेश्वर धाम की ओर से शादीशुदा महिलाओं को मंगल सूत्र पहनने और मांग में सिंदूर भरने की बात कहीं जा रही हैं, तो यह गलत क्या है? वह कहते हैं कि उन्होंने तो यह तक कहा कि पुरुषों को गले में राम नाम की माला भी धारण करनी चाहिए। दिल्ली एनसीआर में आयोजन समिति से जुड़ी चित्रा कालरा कहती हैं कि राह चलने पर भी महिलाओं पर अभद्र टिप्पणियां की जाती हैं। किसी भी महिला से आप यह जाकर पूछ सकते हैं कि क्या उसके ऊपर अनर्गल टिप्पणियां नहीं की जातीं। कालरा कहती हैं कि बागेश्वर धाम ने महिलाओं को लेकर जो बात कही वह समाज में कही जाने वाली एक टिप्पणी है। वह कहती है कि उन टिप्पणियों से बचने के लिए ही हमें अपने सनातन धर्म के अनुसार अपने पहनावे और रहन-सहन को दुरुस्त करना होगा। इसमें बागेश्वर धाम ने गलत क्या कहा?

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