एलर्जी किसी को भी किसी भी चीज से हो सकती है। कुछ लोगो को स्वेटर से होती है, कुछ लोगो को धुएं से होती है तो कुछ लोगो को धूल से। अधिकतर लोगो को धूल मिट्टी से एलर्जी होती है। ऐसे में धूल या मिट्टी के संपर्क आने पर छींके आना या नाक बंद हो जाना जैसी दिक्कतें होती है।
एलर्जी किसी को भी किसी भी चीज से हो सकती है। कुछ लोगो को स्वेटर से होती है, कुछ लोगो को धुएं से होती है तो कुछ लोगो को धूल से। अधिकतर लोगो को धूल मिट्टी से एलर्जी होती है। ऐसे में धूल या मिट्टी के संपर्क आने पर छींके आना या नाक बंद हो जाना जैसी दिक्कतें होती है।
एलर्जी एक आम समस्या है, जो हर दूसरे व्यक्ति में देखने को मिलती है। इससे शरीर में कई समस्याएं हो सकती है। इससे इम्युनिटी सिस्टम भी कमजोर हो सकता है।आमतौर पर लोगो को धूल-मिट्टी के कारण एलर्जी की समस्या होती है।
धूल में मौजूद सूक्ष्म जीवों, खासकर धूल के कण और घरेलू धूल के कण (डस्ट माइट्स) के प्रति संवेदनशीलता के कारण धूल से एलर्जी होती है। जब कोई एलर्जी से ग्रस्त व्यक्ति इन जीवों के संपर्क में आता है, तो उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली उन्हें हानिकारक मानकर प्रतिक्रिया करती है।
धूल मिट्टी से एलर्जी होने पर व्यक्ति को लगातार छींके आने लगती हैं, नाक बहने लगती, आँखों में जलन और लालिमा, खांसी, सांस से जुड़ी समस्या, स्किन पर चकत्ते या खुजली हो सकती है।
धूल मिट्टी से एलर्जी के पीछे कई कारण हो सकते हैं। धूल में मृत त्वचा कोशिकाएं, फाइबर, पौधों के परागकण और सूक्ष्म जीव होते हैं। डस्ट माइट्स गद्दों, तकियों, कालीनों और फर्नीचर में पाए जाते हैं। पालतू जानवरों का रूआं, मोल्ड और तंबाकू का धुआं भी धूल एलर्जी को ट्रिगर कर सकते हैं।
इससे बचने के लिए नियमित रूप से धूल-मिट्टी झाड़ें। फर्श को पोछा लगाएं और बिस्तरों की चादरें और तकिए के कवर धोएं। घर में नमी का स्तर 50% से कम रखें। एयर फिल्टर धूल, डस्ट माइट्स और अन्य एलर्जन्स को हवा से हटाने में मदद कर सकते हैं।
बिस्तरों की चादरें, तकिए के कवर और पर्दे को गर्म पानी (54°C या ज्यादा) से धोएं। अगर आपके पास पालतू जानवर हैं, तो उन्हें नियमित रूप से नहलाएं और उनके बिस्तर को अलग रखें। धूम्रपान धूल एलर्जी के लक्षणों को बदतर बना सकता है। इससे परहेज करें।