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IIT Hyderabad AI Driverless Buses :  IIT हैदराबाद ने भारत की पहली  AI-संचालित ड्राइवरलेस बसें शुरू की, 10,000 से ज्यादा यात्री कर चुके हैं सफर

भारत में स्मार्ट मोबिलिटी के दौर शुरू हो चुका है।  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद ने हाल ही में अपने कैंपस में ड्राइवरलेस , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से चलने वाली बसों की दैनिक सेवा शुरू की है, जो भारत में स्मार्ट मोबिलिटी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।  

By अनूप कुमार 
Updated Date

IIT Hyderabad AI Driverless Buses :  भारत में स्मार्ट मोबिलिटी के दौर शुरू हो चुका है।  भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद ने हाल ही में अपने कैंपस में ड्राइवरलेस , आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से चलने वाली बसों की दैनिक सेवा शुरू की है, जो भारत में स्मार्ट मोबिलिटी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।  इन बसों का निर्माण संस्थान के टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनॉमस नेविगेशन (TiHAN) द्वारा किया गया है। ये सेवा न सिर्फ कैंपस के अंदर सफर को आसान बनाएगी। ये वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक हैं और बिना किसी मानव चालक के चलते हैं।

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प्रोफेसर पी. राजलक्ष्मी के नेतृत्व में, TiHAN टीम ने इन बसों को सफलतापूर्वक विकसित और परिसर में तैनात किया है और अब तक 10,000 से ज़्यादा यात्रियों को परिवहन सुविधा प्रदान कर चुकी है। खबरों के अनुसार, यात्री संतुष्टि दर 90% है। यह भारत का पहला चालकरहित वाहन है और इससे देश के परिवहन क्षेत्र में व्यापक बदलाव आने की संभावना है।

अडैप्टिव क्रूज़ कंट्रोल
ये बसें सुरक्षित रूप से नेविगेट करने के लिए उन्नत सेंसर, ऑटोनोमस इमरजेंसी ब्रेकिंग और अडैप्टिव क्रूज़ कंट्रोल का इस्तेमाल करती हैं।

फीचर्स
इन बसों में ऑटोमेटिक इमरजेंसी ब्रेक और एडैप्टिव क्रूज कंट्रोल (Adaptive Cruise Control)जैसे फीचर हैं। ये फीचर बस को रास्ते में आने वाली रुकावट पहचानने, पैदल चलने वालों और अन्य गाड़ियों से सुरक्षित दूरी रखने और जरूरत के हिसाब से स्पीड बदलने में मदद करते हैं। इनकी तकनीक को TRL-9 स्तर पर प्रमाणित किया गया है, यानी इन्हें असली सड़क पर सफलतापूर्वक टेस्ट किया जा चुका है।

ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट सेंटर
इस हब ने देश का पहला ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट सेंटर (Automatic Driving Test Center) बनाया है, जहां भारतीय सड़कों की स्थितियों में इस तकनीक को टेस्ट और प्रमाणित किया जा सकेगा। यह सेंटर कंपनियों और रिसर्च संस्थानों को बेहतर सुविधाएं और जरूरी डेटा उपलब्ध कराएगा।

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