Lebanon Blast Row: इजरायल के खिलाफ युद्ध में हमास का समर्थन करने वाले लेबनान में सक्रिय उग्रवादी संगठन हिजबुल्लाह को अब अपने फैसले पर पछतावा ही हो रहा होगा, क्योंकि इजरायल ने जिस तरह से हाइब्रिड वारफेयर का सहारा लेकर हिजबुल्लाह पर वार किए हैं, उसने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। हालात यह है कि लेबनान में लोग अब मोबाइल फोन को छूने से भी डर रहे हैं।
Lebanon Blast Row: इजरायल के खिलाफ युद्ध में हमास का समर्थन करने वाले लेबनान में सक्रिय उग्रवादी संगठन हिजबुल्लाह को अब अपने फैसले पर पछतावा ही हो रहा होगा, क्योंकि इजरायल ने जिस तरह से हाइब्रिड वारफेयर का सहारा लेकर हिजबुल्लाह पर वार किए हैं, उसने पूरी दुनिया को चौंका दिया है। हालात यह है कि लेबनान में लोग अब मोबाइल फोन को छूने से भी डर रहे हैं।
दरअसल, लेबनान में मंगलवार की दोपहर करीब 3 हजार पेजर में एक साथ ब्लास्ट हुआ। जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई और 1900 के करीब लोग घायल हुए थे। इसके बाद बुधवार को वॉकी-टॉकी में विस्फोट हुए, जिनमें 14 लोगों की मौत हो गई। इन मृतकों में ज्यादातर हिजबुल्लाह के लड़ाके ही शामिल हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो लेबनान में हुए इन हमलों में इजरायल की सेना और उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ है।
लेबनान में ब्लास्ट मारे गए दो हिजबुल्लाह लड़ाकों को दफनाने के लिए बुधवार को भीड़ जुटी थी। बताया जा रहा है कि इस दौरान भी एक विस्फोट हुआ और डर के मारे अफरा-तफरी मच जाती है। इसी बीच लाउडस्पीकर से अनाउंस किया जाता है कि सभी लोग अपने मोबाइल फोन बंद कर लें और उनकी बैटरी निकाल लें। लोगों को डर था कि उनके फोन में न फट जाएं।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, लेबनान में इन धमाकों का खौफ इस कदर फैल गया है कि लोग मोबाइल फोन छूने से डर रहे हैं। उन्हें शक है कि उनका या उनके पास खड़े लोगों का मोबाइल फोन भी पेजर और वॉकी-टॉकी की तरह फट सकता है। दूसरी तरफ, दुनिया भर की एजेंसियां और एक्सपर्ट यह पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर इजरायल ने इन धमाकों को कैसे अंजाम दिया।