HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. लखनऊ नगर निगम का बजट कोरम के अभाव में नहीं हो सका पास, सपा के साथ भाजपा के अधिकांश पार्षदों ने कार्यकारिणी समिति बैठक का किया बहिष्कार

लखनऊ नगर निगम का बजट कोरम के अभाव में नहीं हो सका पास, सपा के साथ भाजपा के अधिकांश पार्षदों ने कार्यकारिणी समिति बैठक का किया बहिष्कार

लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल (Lucknow Mayor Sushma Kharkwal) की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी समिति की बैठक सोमवार को सुबह नौ बजे से कोरम पूरा न होने से स्थगित हो गई। सपा के साथ ही भाजपा के अधिकांश पार्षदों ने बैठकों का बहिष्कार किया। महापौर डेढ़ घंटे तक नगर निगम के राजकुमार हाल में मौजूद रहीं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल (Lucknow Mayor Sushma Kharkwal) की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी समिति की बैठक सोमवार को सुबह नौ बजे से कोरम पूरा न होने से स्थगित हो गई। सपा के साथ ही भाजपा के अधिकांश पार्षदों ने बैठकों का बहिष्कार किया। महापौर डेढ़ घंटे तक नगर निगम के राजकुमार हाल में मौजूद रहीं। राष्ट्रगान के साथ ही बैठक को स्थगित कर दिया।

पढ़ें :- लखनऊ नगर निगम के पार्षद, बोले-जो रोड स्वीपिंग 80 करोड़ में हो रही थी वही आज 575 करोड़ में, कहां से आएगा पैसा?

बैठक में शामिल न होने वाले पार्षदों ने नगर निगम और जलकल विभाग के बजट पर ब्रेक लगा दिया। इसका नए वित्तीय वर्ष से नगर निगम और जलकल विभाग के कार्यों के साथ ही शहर के विकास पर भी असर दिखेगा। हालांकि रविवार को ही कार्यकारिणी समिति के सदस्यों के साथ ही महापौर की बैठक भी हुई।

सपा का विरोध करना विपक्ष की भूमिका में शामिल होना बताया जा रहा है, लेकिन नगर निगम सदन में बहुमत में होने और भाजपा की ही महापौर होने के बाद भी भाजपा पार्षदों का बैठक में शामिल न होना तमाम सवाल खड़ा कर रहा है। हालांकि सपा ने विकास कार्यों में कटौती का मुद्दा उठाकर बैठक से दूरी बनाई तो भाजपा के अधिकांश पार्षद वार्ड विकास निधि न बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे थे।

सपा पार्षद सुरेंद्र वाल्मीकि (SP councilor Surendra Valmiki) ने बताया कि विकास मदों में कटौती के कारण ही सपा ने बैठक से दूरी बनाए रखी। दरअसल साढ़े चार अरब की देनदारी झेल रहे नगर निगम प्रशासन ने वित्तीय स्थिति को देखते हुए ही वार्ड विकास निधि को बढ़ाने की बात कही थी। इस कारण जलकल विभाग के बजट पर भी चर्चा नहीं हो सकी।

2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए महापौर की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी समिति की बैठक सोमवार सुबह नौ बजे बुलाई गई थी। कार्यकारिणी समिति ही नगर निगम के नीतिगत निर्णय लेती है, जिसमे 110 में से 12 पार्षद ही चुनकर आते हैं।

पढ़ें :- लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कूड़ा के कारोबार में लगे कथित बांग्लादेशियों को बाहर करने की मांग की

सोमवार सुबह नौ बजे महापौर सुषमा खर्कवाल (Mayor Sushma Kharkwal) , उपाध्यक्ष कार्यकारिणी समिति गिरीश गुप्ता, पार्षद रंजीत सिंह नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह समेत अन्य अधिकारी सभागार में आ गए लेकिन भाजपा के छह और सपा के दो पार्षद बैठक में नहीं पहुंचे। काफी समय इंतजार करने के बाद 11 बजे महापौर ने बैठक को स्थगित करने की घोषणा की।

तीन करोड़ की निधि चाहते हैं पार्षद

पार्षदों की मांग है कि सवा करोड़ की वार्ड विकास निधि को बढ़ाकर तीन करोड़ किया जाए, लेकिन मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए यह संभव नहीं लग रहा था। दरअसल नगर निगम अगर मार्च तक भुगतान नहीं करता है तो ढ़ाई अरब की देनदारी और बढ़ जाएगी। ऐसे में यह देनदारी सात अरब के आसपास पहुंच जाएगी। हालांकि बजट में किसी नए कर का प्रावधान नहीं किया जा रहा है और नाही किसी तरह के कर में वृद्धि की जाएगी।

हाउस टैक्स की दरें भी पूर्व के हिसाब से ही रहेगी। मार्ग और सड़क की मरम्मत व सुधार में होने वाले व्यय मद में पुनरीक्षित बजट 2024-25 में 240 करोड़ का प्रावधान किया गया था, जिसे मूल बजट 2025-26 में घटाकर 228 करोड़ कर दिया गया है। सड़कों के नए निर्माण के बजट में भी कटौती करते हुए 50 लाख रखा गया है, जबकि पुनरीक्षित बजट में 1.50 करोड़ का प्रावधान था।

यातायात व्यवस्था पर बजट को घटाकर 50 लाख किया गया है, जबकि पुनरीक्षित बजट में तीन करोड़ का प्रावधान किया गया था। नालों की मरम्मत पर बीस लाख का प्रावधान है, जबकि पुनरीक्षित बजट में तीन करोड़ का प्रावधान था, जिस पर रकम खर्च नहीं की गई। औद्योगिक क्षेत्र में विकास का बजट चार करोड़ रखा गया है, जबकि पुनरीक्षित बजट में छह करोड़ का प्रावधान किया गया था। वेंङ्क्षडग जोन के निर्माण व संचालन पर दस करोड़ खर्च होंगे। पार्कों की दीवार आदि के निर्माण व मरम्मत, रंगाई पुताई और अनुरक्षण पर दो करोड़ खर्च होगा, जबकि 2024-25 के पुनरीक्षित बजट में छह करोड़ का प्रावधान किया गया था।

पढ़ें :- VIDEO- लखनऊ में हुई मूसलाधार बारिश से विधानसभा परिसर पानी-पानी , नगर निगम की छत लीक

प्रस्तावित बजट की खास बातें

नगर निगम के बजट में आय व व्यय पक्ष में 42.36 अरब का प्रावधान किया गया है।

नालों की सफाई पर 15 करोड़

पेट्रोल डीजल पर बीस करोड़

कूड़ाघरों के नए निर्माण पर 50 लाख कूड़ा प्रबंधन पर 3.3 अरब

शहरी निर्धन बस्तियों का विकास पांच लाख

पढ़ें :- लखनऊ नगर निगम कार्यकारिणी के लिए छह सदस्यों का निर्विरोध चुनाव, कांग्रेस ने नहीं उतारा अपना प्रत्याशी

स्ट्रीट लाइटों के नए निर्माण पर पांच करोड़

स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत पर छह करोड़

आय पक्ष
भवन कर में 6.83 अरब

वाहनों व अन्य गाडिय़ों से कर दस लाख

विज्ञापन शुल्क 16 करोड़

प्रेक्षागृहों से कर डेढ़ करोड़

कुत्तों का लाइसेंस शुल्क 50 लाख

पढ़ें :- कुकरैल नदी के किनारे साढ़े चार किलोमीटर तक हरियाली, सौमित्र और शक्ति वन में लह-लहायेंगे प्राणवायु देने वाले पेड़ : मण्डलायुक्त

कल्याण मंडप से किराया डेढ़ करोड़

पार्किंग ठेकों से 15 करोड़

लाइसेंस शुल्क पांच लाख

यूजर्स चार्ज एक अरब

पांच करोड़ की देनदारी और बढ़ जाएगी

बजट में पुराने कार्यों को भी शामिल करने से पांच करोड़ की देनदारी बढ़ जाएगी। 2023-24 में दो करोड़ के विकास कार्य कराने की बात कही जा रही है, लेकिन बजट सील न लगने से वित्तीय मंजूरी नहीं मिल पाई थी। 2024-25 का वित्तीय वर्ष खत्म होने के बाद तीन करोड़ की फाइलों को तैयार कर लिया गया था लेकिन बजट सील नहीं लग पाई थी। अब इन पुराने कार्यों से नगर निगम कुछ को लाभ देना चाहता है और इससे नगर निगम पर पांच करोड़ का बोझ बढ़ जाएगा।

महापौर, सुषमा खर्कवाल ने बताया कि पार्षद बैठक में क्यों नहीं आए, यह वही बता सकते हैं। वार्ड विकास निधि को बढ़ाना प्रशासन का काम है और नगर निगम की वित्तीय स्थिति को देखते हुए निधि को बढ़ाया जाना संभव है। जलकल के बजट में हैंडपंपों की मरम्मत पर 50 लाख का व्यय रखा गया है, जबकि पाइप लाइनों की मरम्मत पर नौ करोड़ खर्च होंगे। जलकर और सीवर कर में किसी तरह की वृद्धि नहीं की गई है। सीवेज पङ्क्षम्पग स्टेशन की मरम्मत में 1.30 करोड़ का खर्च होगा।

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...