हिंदू धर्म में सबसे प्रतिष्ठित आध्यात्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ मेला 13 जनवरी, 2025 को प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में शुरू होने वाला है।
Maha Kumbh 2025 : हिंदू धर्म में सबसे प्रतिष्ठित आध्यात्मिक आयोजनों में से एक महाकुंभ मेला 13 जनवरी, 2025 को प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में शुरू होने वाला है। हर बारह साल में होने वाला यह भव्य मेला दुनिया भर से लाखों भक्तों, संतों और साधकों को आकर्षित करता है। गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर केंद्रित यह आयोजन आस्था, भक्ति और गहन आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता है। पूरी दुनिया से लोग महाकुंभ मेले में पधारते है और मां गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य का लाभ पाते है।
साधुओं की संगत में लॉरेन करेंगी कल्पवास
रिपोर्टों के अनुसार, इस साल महाकुंभ मेले में स्टीव जॉब्स की अरबपति विधवा लॉरेन पॉवेल जॉब्स एक उल्लेखनीय प्रतिभागी होंगी, जो कल्पवास की प्राचीन हिंदू प्रथा में भाग लेंगी। अरबपति कारोबारी लॉरेन यहां कल्पवास भी करेंगी और साधुओं की संगत में सादगीपूर्ण जीवन गुजारेंगी। बता दें कि दिवंगत पति स्टीव की तरह ही लॉरेन भी हिंदू और बौद्ध धर्म से खास जुड़ाव रखती हैं और अक्सर ऐसे धार्मिक समागमों में उनकी मौजूदगी देखी जाती रही है।
स्वामी कैलाशानंद ने ‘कमला’ नाम रखा
मीडिया बातचीत में आध्यात्मिक गुरु निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद जी महाराज ने कहा, लॉरेन यहां कल्पवास करेंगी इससे भी बड़ी बात ये हैं कि उनका एक हिंदू नाम भी है। उन्होंने कहा कि, एप्पल के सह-संस्थापक स्वर्गीय स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स के प्रयागराज महाकुंभ 2025 में शामिल होने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि, “वह यहां अपने गुरु से मिलने आ रही हैं। हमने उनको अपना गोत्र भी दिया है और उनका नाम ‘कमला’ रखा है और वह हमारी बेटी के समान हैं। यह दूसरी बार है जब वह भारत आ रही हैं। महाकुंभ में सभी का स्वागत है।’
संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगी
खबरों के अनुसार, लॉरेन 13 जनवरी को प्रयागराज पहुंचेगी और निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में ठहरेंगी। अपनी यात्रा के दौर पॉवेल जॉब्स 29 जनवरी तक कल्पवास करेंगी, स्वयं को धार्मिक अनुष्ठानों में लीन करेंगी और संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगी। इस तरह के पारंपरिक और आध्यात्मिक अभ्यास में भाग लेने का उनका निर्णय महाकुंभ के सार्वभौमिक महत्व को रेखांकित करता है, जो सांस्कृतिक और भौगोलिक सीमाओं को पार करके सभी क्षेत्रों के लोगों को आकर्षित करता है।