Manikrao Kokate Sentenced: महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे मुश्किल में पड़ते हुए नजर आ रहे हैं। नासिक जिला न्यायालय ने गुरुवार को माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे को एक पुराने धोखाधड़ी के मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई। साथ ही दोनों पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जिसके बाद कोकाटे की विधायकी खतरे में आ गयी है। हालांकि, उन्होंने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
Manikrao Kokate Sentenced: महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे (Manikrao Kokate) मुश्किल में पड़ते हुए नजर आ रहे हैं। नासिक जिला न्यायालय ने गुरुवार को माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे को एक पुराने धोखाधड़ी के मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई। साथ ही दोनों पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जिसके बाद कोकाटे की विधायकी खतरे में आ गयी है। हालांकि, उन्होंने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
जानकारी के अनुसार, यह मामला 1995 से 1997 के बीच का है। माणिकराव कोकाटे (Manikrao Kokate) और उनके भाई सुनील कोकाटे (Sunil Kokate) ने सरकारी आवासीय योजनाओं के तहत फ्लैट हासिल किए थे। फ्लैट हासिल करने के लिए उन्होंने दावा किया था कि उनकी आय कम है और उनके पास पहले से कोई घर नहीं है। लेकिन, बाद में अधिकारियों ने इस मामले में गड़बड़ी की शिकायत की थी। साल 1995 में माणिकराव कोकाटे पर दस्तावेजों में हेराफेरी और धोखाधड़ी के आरोप लगे थे।
पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोळे ने इस मामले में याचिका दायर की थी। यह मामला नासिक के सरकार वाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। आरोपों के आधार पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेजों का उपयोग) और 47 के तहत केस दर्ज हुआ था। साल 1997 से चल रहे इस मामले पर कोर्ट का फैसला अब आया है। इस मामले में माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे समेत कुल चार आरोपी थे।
हालांकि, कोर्ट ने बाकी दो आरोपियों को किसी भी तरह की सजा नहीं दी है। लेकिन माणिकराव कोकाटे और उनके भाई को दो साल की कैद और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। बताया जा रहा है कि एनसीपी (अजित पवार गुट) नेता माणिकराव अपनी विधायकी और मंत्री पद बचाने के लिए हाई कोर्ट में नासिक जिला कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल करेंगे। अगर हाई कोर्ट से सजा पर रोक लग जाएगी तो उनकी विधायकी और मंत्री पद बच सकता है नहीं तो उन्हें अयोग्य घोषित किया जा सकता है।