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मणिपुर JDU के प्रदेश अध्यक्ष को BJP से समर्थन वापस लेने का पत्र जारी करना पड़ा भारी, नीतीश कुमार ने पद से हटाया

मणिपुर में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह ने एक पत्र जारी कर सियासी हड़कंप मचा दिया। इस पत्र में उन्होंने भाजपा से समर्थन लेने की बात कही थी। अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने बीरेन सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है। वीरेंद्र सिंह ने अपने इस पत्र में बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था।

By शिव मौर्या 
Updated Date

नई दिल्ली। मणिपुर में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष बीरेन सिंह  ने एक पत्र जारी कर सियासी हड़कंप मचा दिया। इस पत्र में उन्होंने भाजपा से समर्थन लेने की बात कही थी। अब नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने बीरेन सिंह  को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है। बीरेन सिंह  ने अपने इस पत्र में बीजेपी सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था। उनके इस एलान से कई तरह के कयास लगने लगे थे। दरअसल, लंबे समय से मणिपुर हिंसा की चपेट में है। विपक्ष मणिपुर में हो रही हिंसा को लेकर लगातार पीएम मोदी और एनडीए गठबंधन पर निशाना साध रहा है।

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बता दें कि, 60 सीटों वाली असेंबली में भाजपा के पास बहुमत से कहीं ज्यादा 37 सीटें हैं, एक सीट वाली जेडीयू भी उनके साथ है। लेकिन जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष बीरेन सिंह  ने बीजेपी से अलग होने का एलान किया था। हालांकि, इसके बाद जेडीयू ने  उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा दिया है। साथ ही पार्टी की तरफ से कहा गया है कि एनडीए को उनका समर्थन जारी रहेगा।

दरअसल, जेडीयू को मणिपुर के विधानसभा चुनाव में 6 सीटें मिली थीं, लेकिन उसके 5 विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद उसके पास असेंबली में एक ही विधायक अब्दुल नासिर थे। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने विधानसभा स्पीकर को जानकारी दी थी कि हमारा एकमात्र विधायक भी विपक्ष में ही बैठेगा।

दो सालों से मणिपुर अशांत
दरअसल, मणिपुर में करीब दो वर्षों से स्थिति काफी खराब बनी हुई है। मणिपुर के सीएम एन. बीरेन सिंह पर लगातार विपक्ष निशाना साध रहा है। उन पर हिंसा को नियंत्रित न करने का आरोप है। विपक्ष की ओर से लगातार उन्हें हटाने की मांग होती रही है, लेकिन भाजपा ने उन्हें लगातार मुख्यमंत्री बनाए रखा है। बता दें कि सूबे में कुकी और मैतेई समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़पों का दौर लंबे समय से जारी है।

 

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