Mobile Tariff Hike Again: देश की निजी टेलीकॉम कंपनियों ने जुलाई 2024 में अपने मोबाइल रिचार्ज प्लान महंगे कर दिये थे, जिससे यूजर्स की जेब अतिरिक्त भार पड़ा है। यहां तक कि कई यूजर्स ने सस्ते प्लान के लिए सरकारी टेलीकॉम बीएसएनएल का भी रुख कर लिया था। वहीं, अब खबर सामने आ रही है कि टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर रिचार्ज प्लान महंगे कर सकती हैं। जिसकी वजह दूरसंचार नियामक (TRAI) की नई पॉलिसी हो सकती है।
Mobile Tariff Hike Again: देश की निजी टेलीकॉम कंपनियों ने जुलाई 2024 में अपने मोबाइल रिचार्ज प्लान महंगे कर दिये थे, जिससे यूजर्स की जेब अतिरिक्त भार पड़ा है। यहां तक कि कई यूजर्स ने सस्ते प्लान के लिए सरकारी टेलीकॉम बीएसएनएल का भी रुख कर लिया था। वहीं, अब खबर सामने आ रही है कि टेलीकॉम कंपनियां एक बार फिर रिचार्ज प्लान महंगे कर सकती हैं। जिसकी वजह दूरसंचार नियामक (TRAI) की नई पॉलिसी हो सकती है।
दरअसल, TRAI ने दूरसंचार विभाग (DoT) से फर्जी कॉल और मैसेज को लेकर नई पॉलिसी लाने के लिए कहा है, जो 1 अक्टूबर 2024 से लागू हो जाएगी। नई पॉलिसी के तहत फर्जी कॉल्स और मैसेज पर लगाम लगाने में नाकाम रहने वाली कंपनियों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि TRAI ने दूरसंचार विभाग को जुर्माना वसूलने के लिए टेलीकॉम कंपनियों की बैंक गारंटी जब्त करने तक का सुझाव भी दिया है। ट्राई के पास नियमों का पालन न करने वाली टेलीकॉम कंपनी का लाइसेंस भी रद्द करने का भी अधिकार है।
हालांकि, दूरसंचार विभाग टेलीकॉम कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने के बजाय भारी जुर्माना वसूलने पर सहमत हो सकता है। जिससे टेलीकॉम कंपनियों पर अतिरिक्त भार बढ़ेगा और जुर्माने की भरपायी के लिए कंपनियां रिचार्ज प्लान को महंगा कर सकती हैं। जिससे यूजर्स की जेब पर असर पड़ेगा। पहले ही टेलीकॉम कंपनियां अपने घाटे की भरमायी या उसको कम करने के लिए एवरेज रेवेन्यू प्रति यूजर को बढ़ा रही हैं।