भारत-पाकिस्तान के बीच की स्थिति तनावपूर्ण है। पहलगाम में हुए आतंकी हमलों के बाद जब से पाकिस्तान को भारत से मार पड़ी है, तब से वहां के आंतरिक हालात भी बिगड़ने लगे हैं।
मुहाजिर उर्दू बोलने वाले वो मुसलमान हैं जो भारत से विभाजन के बाद पाकिस्तान, खासतौर से कराची शहर में बस गए थे। पाकिस्तान की सत्ता पर कभी मजबूत पकड़ रखने वाले मुहाजिरों की हालत दशकों से खराब है और पाकिस्तान में उन्हें भेदभाव और उत्पीड़न झेलना पड़ता है।
अल्ताफ हुसैन ने पीएम नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मुहाजिर (विभाजन के बाद भारत से पाकिस्तान चले गए उर्दू भाषी प्रवासी) के उत्पीड़न की ओर ध्यान आकर्षित करें। यह अपील लंदन से लाइव प्रसारण के दौरान की गई। अपनी टिप्पणी में हुसैन ने बलूच लोगों के सार्वजनिक समर्थन के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की और इसे एक साहसी और सराहनीय कार्य बताया।
नेता अल्ताफ हुसैन ने पाकिस्तानी सेना पर आरोप लगाते हुए कहा कि सैन्य कार्रवाई में अब तक 25,000 से ज्यादा मुहाजिरों की मौत हो गई है और हजारों गायब कर दिए गए हैं। उन्होंने पीएम मोदी से अपील की कि वो मुहाजिरों की आवाज को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाएं । उधर, पाकिस्तान की सरकार हमेशा से बेबुनियाद आरोप लगाती रही है कि हुसैन और उनकी पार्टी भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के एजेंट हैं।