देश में नैनो यूरिया की शुरुआत के चार साल बाद, भारतीय किसान उर्वरक सहकारी संस्था इफको ब्राजील में नैनो-मिट्टी पोषक तत्वों ( Nano-soil nutrients ) की मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाने जा रही है।
Nano DAP : देश में नैनो यूरिया की शुरुआत के चार साल बाद, भारतीय किसान उर्वरक सहकारी संस्था इफको ब्राजील में नैनो-मिट्टी पोषक तत्वों ( Nano-soil nutrients ) की मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाने जा रही है। इफको अपना पहला विस्तार विदेश में करने जा रही है। खबरों के अनुसार, इफको नैनोवेंशन ( IFFCO Nanovention ) और ब्राजील की कंपनी नैनोफर्ट के बीच साझेदारी हुई है। हर साल यह प्लांट करीब 4.5 मिलियन लीटर नैनो-उर्वरक (Nano-fertilizer) का उत्पादन करने में सक्षम होगा। यह प्लांट इफको की सहायक कंपनी इफको नैनोवेंशन और ब्राजील की कंपनी नैनोफर्ट के बीच 7:3 के संयुक्त उद्यम के तहत स्थापित किया जाएगा। यह सालाना 4.5 मिलियन लीटर नैनो-उर्वरक का उत्पादन करेगा।
इफको इस कड़ी में ब्राजील के पराना प्रांत के कुरिटिबा ( Curitiba) में इफको के संयत्र लगने से निर्यात की लागत में कटौती के साथ विश्व बाजार में इस संस्था की उपस्थिति बढ़ने की उम्मीद है।
खबरों के अनुसार,इफको नैनोवेंशन (IFFCO Nanovention) के मैनेजिंग डायरेक्टर लक्ष्मणन अरुणाचलम के हवाले से लिखा है कि नैनो उर्वरकों के कई फील्ड ट्रायल (Field trial) के बाद यह प्रोजेक्ट का पहला फेज होगा। एक बार जब प्रॉडक्ट बाजार में आ जाएगा तो इससे और मांग पैदा होगी। इसके बाद ब्राजील में प्रोडक्शन कैपेसिटी ( Production Capacity ) को बढ़ाया जाएगा। ब्राजील प्लांट में ट्रायल प्रोडक्शन 2025 के अंत तक शुरू हो जाएगा।
इस सयंत्र के माध्यम से ब्राजील में मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कॉफी और कई दूसरी फसलों की प्रति हेक्टेयर उत्पादन को बढ़ाना उद्देश्य है। अध्ययनों के अनुसार, बीते सालों में भारत से ब्राजील पहुंचे नैनो उर्वरकों के उपयोग से फसलों की उपज में बढ़ोतरी और उर्वरक उपयोग में कमी देखी गई है।