नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के लिए मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी की। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (RG Kar Medical College and Hospital) में जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के साथ ही देश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) में डॉक्टरों पर हमला होने की घटनाओं को देखते हुए यह एडवाइजरी जारी की गई है।
नई दिल्ली। नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने सभी मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों के लिए मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी की। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (RG Kar Medical College and Hospital) में जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म और हत्या के साथ ही देश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) में डॉक्टरों पर हमला होने की घटनाओं को देखते हुए यह एडवाइजरी जारी की गई है।
मेडिकल कॉलेजों को एक सुरक्षित वर्कस्पेस नीति विकसित करने का निर्देश
एनएमसी (NMC) ने सभी मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) को एक सुरक्षित वर्कस्पेस नीति विकसित करने का निर्देश दिया है। यह नीति यह सुनिश्चित करेगी कि अस्पताल और कॉलेज परिसर में सभी स्टाफ, फैकल्टी, मेडिकल छात्र और रेजिडेंट डॉक्टर सुरक्षित माहौल में काम कर सकें। मेडिकल कॉलेज सेफ्टी पॉलिसी (Medical Colleges Safety Policy) के तहत ओपीडी, वार्ड, आकस्मिकता (Casualty), होस्टल और अन्य खुले क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे।
मेडिकल कॉलेज परिसर के भीतर सुरक्षा को दें प्राथमिकता
NMC ने मेडिकल कॉलेजों को सलाह दी है कि वह अपने परिसर के भीतर सुरक्षा को प्राथमिकता दें। इस एडवाइजरी में ओपीडी, वार्ड, लेबर रूम, होस्टल और आवासीय क्वार्टरों सहित दूसरे संवेदनशील क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा स्टाफ (पुरुष और महिला) तैनात करने की जरूरत पर जोर दिया गया है। इसके अलावा, सीसीटीवी सर्विलांस (CCTV Surveillance) का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया गया है। मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में शाम के समय गलियारों और परिसर को अच्छी तरह से रोशन करने की सलाह दी गई है ताकि स्टाफ के लिए सुरक्षित माहौल बनाया जा सके।
हिंसा की घटना पर लिए एक्शन की विस्तृत रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर NMC को भेजना अनिवार्य
NMC ने यह भी निर्देश दिया है कि मेडिकल छात्रों के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा की घटना को कॉलेज प्रशासन द्वारा तुरंत जांचा जाए। इसके साथ ही, हिंसा के मामलों के खिलाफ जल्द से जल्द एफआईआर (FIR) दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है ताकि कानूनी प्रक्रिया शुरू की जा सके। कहा गया है कि किसी भी हिंसा की घटना पर लिए गए एक्शन की विस्तृत रिपोर्ट 48 घंटे के भीतर नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) को भेजना अनिवार्य होगा।
मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों और छात्रों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करना
NMC की इस एडवाइजरी का मुख्य उद्देश्य मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) में डॉक्टरों और छात्रों के लिए सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करना है। एनएमसी (NMC) की इस नई नीति के तहत कॉलेजों और अस्पतालों के विभिन्न हिस्सों में सिक्योरिटी अरेंजमेंट चुस्त-दुरुस्त की जाएगी। एनएमसी (NMC) ने कहा कि यह कदम मेडिकल कम्युनिटी (Medical Community) के प्रति सुरक्षा और सम्मान की भावना को मजबूत करेगा, जिससे संस्थानों का माहौल अधिक सुरक्षित और सहयोगी बन सकेगा।
मेडिकल कॉलेजों में CCTV कवरेज बढ़ाने पर जोर
NMC की एडवाइजरी में कॉलेजों और अस्पतालों के भीतर CCTV कवरेज बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। इससे संवेदनशील क्षेत्रों की निगरानी को बेहतर बनाया जा सकेगा। किसी भी असामाजिक गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकेगी। एनएमसी (NMC) ने कहा है कि मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सीसीटीवी कवरेज (CCTV in Hospitals) बढ़ाने का मकसद ऐसी जगहों पर होने वाले संभावित खतरों को रोकने और स्टाफ के बीच सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देना है।
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाने चाहिए
एनएमसी (NMC) ने मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) को सुरक्षा के लिए विशेष निर्देश दिए हैं, जिसमें स्टाफ और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष टीमों का गठन करना भी शामिल है। कॉलेज प्रशासन को सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देने और उन्हें समय-समय पर अपडेट करने की सलाह दी गई है। नेशनल मेडिकल कमीशन (National Medical Commission) के दिशा-निर्देशों (Guidelines) के मुताबिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाने चाहिए।