30 मई तक होने वाले तबादलों के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने संविदा कर्मचारियों के लिए यह तबादला व्यवस्था लागू की है। संविदा कर्मचारियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जॉइन करने की प्रक्रिया को तबादला नहीं कहा जाएगा, बल्कि इसे स्थान परिवर्तन नाम दिया जाएगा।
भोपाल। प्रदेश में अब नियमिति कर्मचारियों के समान ही संविदा कर्मचारियों का भी ट्रांसफर हो सकेंगे। लेकिन इसके लिए कर्मचारी-अधिकारी को अपने वर्तमान पदस्थापना स्थल का एग्रीमेंट खत्म करना होगा। इसके बाद जहां उसे नई पदस्थापना चाहिए उस स्थान पर नया एग्रीमेंट करना होगा।
30 मई तक होने वाले तबादलों के लिए पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग ने संविदा कर्मचारियों के लिए यह तबादला व्यवस्था लागू की है। संविदा कर्मचारियों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जॉइन करने की प्रक्रिया को तबादला नहीं कहा जाएगा, बल्कि इसे स्थान परिवर्तन नाम दिया जाएगा। प्रदेश में कुल ढाई लाख संविदाकर्मी हैं। अभी पंचायत विभाग ने नीति लागू की है। बाद में बाकी विभाग भी तबादला नीति लागू करेंगे। बता दें कि इस विभाग में अधिकतर कर्मचारी पंचायतों में काम करने वाले संविदाकर्मी होते हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों में संविदाकर्मियों को रखा गया है। नीति में यह भी साफ किया गया है कि संविदाकर्मियों को पदस्थापना स्थल को संशोधित करने की कोई नीति नहीं है, सिर्फ अपवादस्वरूप ही स्थान परिवर्तन किया जा सकेगा।
नए नियम के अनुसार, विवाहित, विधवा एवं तलाकशुदा महिला कर्मचारियों का ऐसे जिले में स्थानांतरण किया जा सकेगा, जिसमें उसका ससुराल या स्वयं का परिवार रहता है। स्वयं अथवा आश्रितों को कैंसर या ब्रेन ट्यूमर होने पर और समान पद पर कार्यरत संविदाकर्मियों के परस्पर स्थान परिवर्तन के स्वैच्छिक आवेदन पर स्थानांतरण किया जाएगा। वहीं, एक जिले से अन्य में जाने के लिए आवेदन योजना के राज्य कार्यक्रम अधिकारी को किया जाएगा। पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में अलग-अलग योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए नियुक्त संविदा कर्मचारियों को स्थान विशेष पर कार्य के लिए रखा जाता है। योजना के स्वरूप में बदलाव होने पर संविदा पर पदस्थ कर्मचारियों की सेवाएं किसी भी समय समाप्त की जा सकती है। वर्तमान में संविदा कर्मचारियों के पदस्थापना को संशोधित करने की कोई नीति नहीं है। इसलिए कुछ अपवाद परिस्थितियों में विभाग के संविदा कर्मचारियों को पदस्थापना में बदलाव के लिए यह नीति तय की गई है।