सड़क सुरक्षा (Road Safety) में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) अगले साल यानी जनवरी, 2026 से सभी नए निर्मित टू-व्हीलर के लिए एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) को अनिवार्य बनाने की तैयारी कर रहा है।
नई दिल्ली। सड़क सुरक्षा (Road Safety) में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) अगले साल यानी जनवरी, 2026 से सभी नए निर्मित टू-व्हीलर के लिए एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) को अनिवार्य बनाने की तैयारी कर रहा है। इनमें स्कूटर, मोटरसाइकिल और बाइक शामिल होंगे। इसके अलावा, मंत्रालय एक नियम लागू करने की तैयारी कर रहा है जिसके तहत सभी टू-व्हीलर निर्माताओं और डीलरशिप को हर नए वाहन के साथ भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा प्रमाणित दो हेलमेट उपलब्ध कराने होंगे।
इस वजह से हो रही ये पहल सरकारी अधिकारियों का कहना है कि ये पहल भारत में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण होंगी। न्यूज वेबसाइट बिजनेस टुडे (News website Business Today) में छपी एक खबर के अनुसार, टू-व्हीलर चालकों की सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में लगभग 44 पर्सेंट हिस्सेदारी है। इनमें से अधिकांश मौतें सिर की सुरक्षा के अभाव में लगने वाली गंभीर चोटों से जुड़ी हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी?
परिवहन मंत्रालय (Transport Ministry) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि फिलहाल ABS केवल 125cc से ऊपर की बाइक पर अनिवार्य है। यह देखते हुए कि इनमें से अधिकांश वाहन 70 किमी/घंटा से अधिक की गति से यात्रा कर सकते हैं, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि स्किडिंग और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बेहतर ब्रेकिंग सिस्टम मौजूद हों।
एबीएस क्यों है इतना महत्वपूर्ण?
एबीएस (ABS) को आपातकालीन ब्रेकिंग स्थितियों के दौरान व्हील लॉक-अप को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। खासकर गीली या असमान सड़कों पर इसका महत्व काफी बढ़ जाता है। कई अध्ययनों से संकेत मिलता है कि ABS दुर्घटना के जोखिम को 35-45 पर्सेंट तक कम कर सकता है। नए नियमों को आने वाले दिनों में अधिसूचित किए जाने की उम्मीद है।