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पीएम मोदी ने किया WAVES का उद्घाटन, कहा-भारत के कोने-कोने में है टैलेंट

पीएम मोदी ने कहा, आज 1 मई है। आज से 112 साल पहले 3 मई, 1913 को भारत में पहली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र रिलीज हुई थी, इसके निर्माता दादासाहेब फाल्के जी थे और कल ही उनकी जन्मजयंती थी। बीती एक सदी में भारतीय सिनेमा ने भारत को दुनिया के कोने-कोने में ले जाने में सफलता पाई है। साथ ही कहा, आज WAVES में इस मंच पर हमनें भारतीय सिनेमा के अनेक दिग्गजों को डाक टिकट के माध्यम से याद किया है।

By शिव मौर्या 
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मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई में विश्व दृश्य-श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (World Audio Visual And Entertainment Summit) यानी वेव्स का उद्घाट्न किया। इस दौरान उन्होंने कहा, आज यहां मुंबई में 100 से अधिक देशों के artist, investors और policy makers एक साथ एक ही छत के नीचे एकत्र हुए हैं। एक तरह से आज यहां global talent और global creativity के एक global eco-system की नींव रखी जा रही है। World Audio Visual And Entertainment Summit यानि WAVES… ये सिर्फ एक acronym नहीं है। ये एक Wave है -Culture की, Creativity की, Universal Connect की।

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पीएम मोदी ने कहा, आज 1 मई है। आज से 112 साल पहले 3 मई, 1913 को भारत में पहली फीचर फिल्म राजा हरिश्चंद्र रिलीज हुई थी, इसके निर्माता दादासाहेब फाल्के जी थे और कल ही उनकी जन्मजयंती थी। बीती एक सदी में भारतीय सिनेमा ने भारत को दुनिया के कोने-कोने में ले जाने में सफलता पाई है। साथ ही कहा, आज WAVES में इस मंच पर हमनें भारतीय सिनेमा के अनेक दिग्गजों को डाक टिकट के माध्यम से याद किया है। बीते वर्षों में मैं कभी Gaming World, कभी Music की दुनिया के लोगों से, film makers से मिला, कभी screen पर चमकने वाले चेहरों से मिला। इन चर्चाओं में अक्सर भारत की creativity, creative capability और global collaboration की बातें उठती थीं।

साथ ही कहा, लाल किले से मैनें ‘सबका प्रयास’ की बात कही है। आज मेरा ये विश्वास और पक्का हो गया है कि आप सभी का प्रयास आने वाले वर्षों में WAVES को नई ऊंचाई देगा। ये Create In India, Create For The World का सही समय है। आज जब दुनिया Storytelling के नए तरीके ढूंढ रही है… तब भारत के पास हजारों वर्षों की अपनी कहानियों का खजाना है। और ये खजाना Timeless है, Thought-Provoking है और Truly Global है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये ‘भारत में सृजन करें, विश्व के लिए सृजन करें’ का सही समय है। आज जब दुनिया कहानी सुनाने के नए तरीके ढूंढ रही है तब भारत के पास हजारों वर्षों की अपनी कहानियों का खजाना है। और ये खजाना समय से परे है, सोच का दायरा बढ़ाने वाला है और वास्तव में वैश्विक है। ये भारत में ऑरेंज इकोनॉमी का उदय काल है। सामग्री, रचनात्मकता और संस्कृति, ये ऑरेंज इकोनॉमी की तीन धुरी है। भारतीय फिल्मों की पहुंच अब दुनिया के कोने-कोने में पहुंच रही है। आज 100 से अधिक देशों में भारतीय फिल्में रिलीज होती हैं। इसलिए आज बड़ी संख्या में विदेशी दर्शक भारतीय कंटेंट को उपशीर्षक यानी subtitles के साथ देख रहे हैं।

 

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