घाटशिला से विधायक रामदास सोरेन (Ramdas Soren) हेमंत मंत्रिमंडल के नए सदस्य बने हैं। उनको राजभवन में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार (Governor Santosh Kumar Gangwar) ने शुक्रवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
रांची। घाटशिला से विधायक रामदास सोरेन (Ramdas Soren) हेमंत मंत्रिमंडल के नए सदस्य बने हैं। उनको राजभवन में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार (Governor Santosh Kumar Gangwar) ने शुक्रवार को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren), मंत्री सत्यानंद भोक्ता, हफीजुल हसन, इरफान अंसारी, विधायक कल्पना सोरेन, मुख्य सचिव एल खियांग्ते, कैबिनेट सचिव वंदना दादेल, राज्यपाल के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। शपथ ग्रहण समारोह में रामदास सोरेन के समर्थक एवं परिवार के सदस्य भी पहुंचे थे।
मंत्री पद की शपथ लेने से पहले घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन (Ramdas Soren) ने शुक्रवार को सबसे पहले राजधानी रांची में दिशाेम गुरु शिबू सोरेन के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। मंत्री पद की शपथ लेने से पहले विधायक व उनकी पत्नी के पूरे परिवार के सदस्यों के संग गुरूजी के आवास पहुंचे। जहां विधायक व उनकी पत्नी ने दिशोम गुरु शिबू सोरेन के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया।
चंपाई सोरेन की जगह मंत्री बनाए गए हैं रामदास सोरेन
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हेमंत सोरेन (Hemant Soren) कैबिनेट में जल संसाधन विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री चंपाई सोरेन ने 29 अगस्त को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। राज्यपाल ने रात में उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया। झारखंड सरकार की ओर से इसकी अधिसूचना रात में ही जारी कर दी गई। मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (समन्वय) ने अधिसूचना जारी करते हुए कहा कि चंपाई सोरेन 29 अगस्त 2024 के प्रभाव से राज्य के मंत्री एवं मंत्रिपरिषद के सदस्य नहीं रहे।
रामदास सोरेन किस क्षेत्र से आते हैं?
हेमंत सोरेन (Hemant Soren) कैबिनेट के सबसे नए मंत्री रामदास सोरेन कोल्हान प्रमंडल (New minister Ramdas Soren Kolhan division) से आते हैं। वह घाटशिला विधानसभा सीट से विधायक हैं। चंपाई सोरेन (Champai Soren) के बेहद करीबी माने जाते हैं।
रामदास सोरेन का राजनीतिक इतिहास
रामदास सोरेन (Ramdas Soren) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ 1980 में राजनीति की शुरुआत की। चंपाई सोरेन (Champai Soren) और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के साथ मिलकर झारखंड अलग राज्य के लिए आंदोलन किया। 2009 में पहली बार घाटशिला से झामुमो के विधायक चुने गए. 2014 में हारे और 2019 में फिर से घाटशिला के विधायक बने। अब हेमंत सोरेन की कैबिनेट में मंत्री बने हैं।