रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने मार्च 2025 को समाप्त चौथी तिमाही के लिए अपने कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट में 2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की, जो 19,407 करोड़ रुपये रहा। इसी अवधि में परिचालन से राजस्व साल-दर-साल (YoY) 10 फीसदी बढ़कर 2.64 लाख करोड़ रुपये हो गया।
मुबंई। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने मार्च 2025 को समाप्त चौथी तिमाही के लिए अपने कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट में 2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की, जो 19,407 करोड़ रुपये रहा। इसी अवधि में परिचालन से राजस्व साल-दर-साल (YoY) 10 फीसदी बढ़कर 2.64 लाख करोड़ रुपये हो गया। कॉर्पोरेट अर्निंग के सीज़न में भारतीय शेयर मार्केट (Indian Stock Market) में लिस्टेड कंपनियों में सबसे अधिक मार्केट कैपिटल वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज़ ने शुक्रवार शाम को वित्तवर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे घोषित किये।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने मार्च 2025 को समाप्त चौथी तिमाही के लिए अपने कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट में 2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की, जो 19,407 करोड़ रुपये रहा। इसी अवधि में परिचालन से राजस्व साल-दर-साल (YoY) 10 फीसदी बढ़कर 2.64 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह लाभ स्ट्रीट की 18,471 करोड़ रुपये की उम्मीद से काफी अधिक था।
कंपनी के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 5.50 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के लाभांश की सिफारिश की है। डिविडेंड और नतीजों के अलावा बोर्ड ने एक या एक से अधिक किस्तों में बॉन्ड के जरिए 25,000 करोड़ रुपये जुटाने को मंजूरी दी है। क्रमिक आधार पर नेट प्रॉफिट पिछली दिसंबर तिमाही में दर्ज 18,540 करोड़ रुपये से 5 फीसदी बढ़ा।इस बीच राजस्व तिमाही-दर-तिमाही 8 फीसदी बढ़ा। कंपनी को चौथी तिमाही में EBITDA में सालाना आधार पर 4 फीसदी की वृद्धि हुई और यह 48,737 करोड़ रुपये हो गया।
आरआईएल चेयरमैन और एमडी मुकेश अंबानी (RIL Chairman and MD Mukesh Ambani) ने कहा वित्त वर्ष 2025 वैश्विक कारोबारी माहौल के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है, जिसमें कमजोर आर्थिक स्थितियां और जियो-पॉलिटिक परिदृश्य में बदलाव हुआ है। परिचालन अनुशासन क्लाइंट सर्विस और भारत की विकास आवश्यकताओं को पूरा करने पर हमारा ध्यान केंद्रित करने से रिलायंस को वर्ष के दौरान स्थिर वित्तीय प्रदर्शन करने में मदद मिली है।
चौथी तिमाही में वित्त लागत सालाना आधार पर 7 फीसदी बढ़कर 6,155 करोड़ रुपये हो गई, जो मुख्य रूप से हाई एवरेज लाइबिलिटी शेष के कारण है। टैक्स एक्स्पेंस सालाना आधार पर 1 फीसदी बढ़कर 6,669 करोड़ रुपये हो गया। मार्च 2025 को समाप्त तिमाही के लिए पूंजीगत व्यय 36,041 करोड़ रुपये रहा।
सेगमेंट के अनुसार O2C बिज़नेस ने कमजोर परिचालन प्रदर्शन दर्ज किया, जिसमें EBITDA 10 फीसदी साल-दर-साल गिरकर 15,080 करोड़ रुपये रहा। इसका कारण परिवहन ईंधन क्रैक में तेज गिरावट और कम पॉलिएस्टर चेन मार्जिन था, जो आंशिक रूप से अधिक मात्रा, फीडस्टॉक लागत अनुकूलन और उच्च पीपी और पीवीसी डेल्टा द्वारा ऑफसेट किया गया था।
हालांकि अधिक अधिक मात्रा और घरेलू उत्पाद प्लेसमेंट में वृद्धि के कारण सेगमेंट के लिए राजस्व 15 फीसदी साल-दर-साल बढ़कर 1.64 लाख करोड़ रुपये हो गया। अंबानी ने कहा, कि ऑइल टू केमिकल ग्रुप (Oil to Chemical Group) ने एनर्जी मार्केट (Energy Market) में काफी वोलिटिलिटी के बावजूद एक लचीला प्रदर्शन किया। डाउनस्ट्रीम केमिकल मार्केट में महत्वपूर्ण डिमांड-स्प्लाय इम्बैलेंस ने कई साल के निचले मार्जिन बनाए है।